सरकारी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड कोयला गैसीकरण कारोबार में कदम रखने की योजना बना रही है। कंपनी का लक्ष्य अगले 3 से 4 साल में हर साल न्यूनतम 50 से 100 लाख टन सिंथेटिक गैस का उत्पादन करना है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने जानकारी दी।
गैस उत्पादन की लागत लगभग 10 से 12 डॉलर प्रति मिलियन मीट्रिक ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) होने की उम्मीद है। अधिकारी ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा तय की गई गैस की कीमत इस इस समय मिल रही तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आसपास ही होगी और कंपनी को खरीदार तलाशने में कोई चुनौती नहीं नजर आ रही है। उत्पादित गैस की बिक्री या तो घरेलू बाजार में की जाएगी या फर्म के अपने संयंत्र में इसका इस्तेमाल होगा। एनटीपीसी सिंथेटिक गैस के उत्पादन के लिए अपने कोयले का इस्तेमाल करेगी।
कोयला गैसीकरण की पहल के लिए एनटीपीसी एक प्रौद्योगिकी सलाहकार लाने पर भी विचार कर रही है। कंपनी चालू वित्त वर्ष 2025-26 में इसके लिए निविदाएं जारी करने की योजना बना रही है। कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2030 तक 10 करोड़ टन कोयले के गैसीकरण के मकसद से 8,500 करोड़ रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी है। कोयला गैसीकरण की पहल देश के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को वर्तमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 2030 तक 15 प्रतिशत करने की सरकार की योजना के मुताबिक है।
अधिकारी ने कहा कि एनटीपीसी का लक्ष्य 2047 तक कम से कम 30 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। कंपनी संयंत्र स्थापित करने के लिए देश भर के 16 राज्यों में भूमि की तलाश कर रही है। इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक परमाणु परियोजना की क्षमता 700 मेगावाट और 1,600 मेगावाट के बीच होगी। संयंत्रों के लिए कंपनी प्रेशराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकती है।
एनटीपीसी ने हाल में ही परमाणु ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा है। सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में 2,800 मेगावाट क्षमता के परमाणु ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी थी। यह एनटीपीसी और न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन (एनपीसीआईएल) की संयुक्त परियोजना है।