अगस्त में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 3 माह के निचले स्तर पर आ गई। एचएसबीसी द्वारा सोमवार को जारी प्रमुख पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) का आंकड़ा 57.5 रहा, जो जुलाई के 58.1 से कम है। इस सेक्टर में वृद्धि में सुस्ती की वजह नए ऑर्डर और उत्पादन में धीमी वृद्धि है।
बहरहाल लागत का दबाव कम हुआ है इससे खरीद गतिविधियां बढ़ी हैं। इनपुट की लागत की महंगाई दर में कमी आई है और यह 5 महीने के निचले स्तर पर है। इस सूचकांक 50 से ऊपर रहना प्रसार यानी बढ़त और इससे नीचे रहना संकुचन या गिरावट का संकेतक है।
निजी एजेंसी के सर्वे में कहा, ‘भारत के विनिर्माताओं के नए बिजनेस और उत्पादन में अगस्त महीने में सुस्त वृद्धि हुई है। हालांकि विस्तार का दायरा ऐतिहासिक औसत के हिसाब से देखें तो बढ़े हुए स्तर पर बना हुआ है। कारोबारी भरोसा बहाल हुआ है। कंपनियों ने इनपुट की कमी से बचने के लिए खरीद बढ़ाई है।’