तेज बदलाव के दौर से गुजर रहे भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग ने 2024 में राजस्व के रूप में 2.5 लाख करोड़ रुपये कमाए है। यह कमाई उसके पिछले वर्ष की तुलना में 3.3 प्रतिशत कम है। फिक्की ऐंड ईवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार, सदस्यता राजस्व में गिरावट और भारत को आउटसोर्स किए गए एनिमेशन और वीएफएक्स (विजुअल इफेक्ट्स) जैसे कार्यों में वैश्विक गिरावट के कारण मीडिया राजस्व घटा है। उद्योग ने देश के सकल घरेलू उत्पाद में 0.73 प्रतिशत का योगदान दिया है और इस साल इसके 7.2 प्रतिशत बढ़कर 2.68 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
ईवाई इंडिया के मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में अग्रणी आशीष फेरवानी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘सकारात्मक पक्ष यह रहा कि विज्ञापन में 8.1 और कार्यक्रमों में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई दर्ज की गई। पहली बार इस क्षेत्र ने 100 अरब रुपये के आंकड़े को पार किया। यही नहीं, गैर-एफसीटी (फ्री कमर्शियल टाइम) रेडियो, डिजिटल आउट ऑफ होम (ओओएच) में भी अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली। लेकिन नकारात्मक पक्ष भी देखने को मिला, जिसमें सदस्यता आय कम हो गई। बड़ी बात, यह टीवी और प्रिंट दोनों में देखने को मिली है। इसकी मुख्य वजह ऑनलाइन मीडिया की ओर ग्राहकों का अधिक रुझान है।’ उन्होंने कहा, ‘पे टीवी ने लगभग 60 से 70 लाख घर कम हो गए, जिससे सदस्यता राजस्व में कमी आई है, क्योंकि लोग यूट्यूब और सीटीवी (कनेक्टेड टीवी) जैसे डिजिटल माध्यमों पर चले गए हैं।’
रिपोर्ट के अनुसार, नाटकों का कम आना और बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन के कारण राजस्व में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। रियल मनी गेम्स पर उच्च जीएसटी के कार्यान्वयन के बाद लेन-देन गेमिंग राजस्व में गिरावट भी सदस्यता आय में कमी का प्रमुख कारण बनी है। वर्ष 2023 में हॉलीवुड स्क्रिप्ट लेखकों की हड़ताल और अंतरराष्ट्रीय स्टूडियो के संघर्ष करने के कारण 2024 में राजस्व में 9 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। इसका सीधा असर प्रसारण विज्ञापन राजस्व पर पड़ा और इससे भारत में एनिमेटेड सामग्री का उत्पादन भी प्रभावित हुआ।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की मीडिया और मनोरंजन समिति के अध्यक्ष केविन वाज़ ने एक बयान में कहा, ‘तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ने एवं लगातार बदल रही उपभोक्ता प्राथमिकताओं के साथ भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग इस समय एक निर्णायक मोड़ पर है। यह परिवर्तन मीडिया और मनोरंजन पारिस्थितिकी तंत्र के सभी क्षेत्रों में कंटेंट निर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और टेक्नोलॉजी इनोवेटर्स के लिए अपार अवसर खोल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2027 तक देश के मीडिया और मनोरंजन बाजार के 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है और भविष्य में इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं छिपी हैं।’
फिक्की की महानिदेशक ज्योति विज ने कहा कि रिपोर्ट वैश्विक आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच भारत के मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के लचीलेपन को दर्शाती है। विज ने कहा, ‘जैसे-जैसे इस उद्योग में परिवर्तन हो रहा है, फिक्की नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाने, रणनीतिक सहयोग देने और भविष्य की जरूरतों के लिहाज से पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने के लिए दृढ़ है। ‘