उद्योग

भारत बनेगा स्टील की मांग का नया वैश्विक केंद्र: वुड मैकिंजी

शोध फर्म वुड मैकिंजी के मुताबिक इस अवधि में भारत की हिस्सेदारी करीब तीन गुना बढ़ने की उम्मीद है।

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साकेत कुमार   
Last Updated- September 04, 2025 | 10:20 AM IST

भारत आने वाले दशकों में वैश्विक स्टील की मांग के प्रमुख वृद्धि केंद्र के रूप में उभरेगा जबकि चीन का दबदबा कम हो रहा है। वैश्विक स्टील खपत में चीन की हिस्सेदारी वर्ष 2024 में 49 प्रतिशत थी। आने वाले दशकों में चीन में स्टील की खपत सालाना आधार पर 50 से 70 लाख टन कम होने की उम्मीद है।

वैश्विक मांग में चीन की हिस्सेदारी 2050 तक तेजी से गिरकर 31 प्रतिशत होने की उम्मीद है। शोध फर्म वुड मैकिंजी के मुताबिक इस अवधि में भारत की हिस्सेदारी करीब तीन गुना बढ़ने की उम्मीद है। भारत की हिस्सेदारी वर्ष 2024 के 8 प्रतिशत से बढ़कर इस सदी के मध्य तक 21 प्रतिशत होने का अनुमान है।

वुड मैकिंजी के वरिष्ठ शोध विश्लेषक छवि त्रिवेदी के मुताबिक, ‘चीन की अर्थव्यवस्था के भारी आधारभूत वृद्धि मॉ़डल से दूर जाने के कारण स्टील की मांग के समक्ष दिक्कतें आई हैं।’

चीन में स्टील की खपत का मुख्य आधार रियल एस्टेट थी लेकिन इसमें निरंतर गिरावट आई है। चीन की अतिरिक्त क्षमता बढ़ने की उम्मीद है। चीन का अधिशेष उत्पादन 2050 में बढ़कर 50 टन होने की उम्मीद है और यह दीर्घावधि में 350 टन से अधिक होने की आस है। चीन के प्रमुख प्रांतों शांदोंग और जियांग्सू ने स्टील के उत्पादन में कटौती शुरू कर दी है। हालांकि भारत का परिदृश्य मजबूत रहा। देश ने वर्ष 2024 में स्टील की मांग 8 प्रतिशत दर्ज की थी और यह 2025 में 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की उम्मीद है। दीर्घावधि में सालाना वृद्धि 4 से 5 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

इसका कारण यह है कि सरकार ने यातायात गलियारे, नवीकरणीय ऊर्जा और शहरी विकास में निवेश किया है और इसके अलावा वाहन व मशीनरी क्षेत्र में स्टील की जबरदस्त मांग है। त्रिवेदी ने बताया कि भारत में ही अकेले मांग तीन गुना बढ़ने की उम्मीद है।

First Published : September 4, 2025 | 9:57 AM IST