साल 2022 में बाजार ने कोरोना महामारी के प्रकोप से कुछ राहत की सांस तो ली लेकिन इसी साल में उद्योग जगत के कई बड़े और जाने-माने नामों को खो दिया। इनमें से ज्यादातर कारोबारियों ने न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी खूब नाम कमाया और अपनी छाप छोड़ी।
इस सूची में सबसे पहला नाम ‘भारत के वॉरेन बफे’ नाम से मशहूर राकेश झुनझुनवाला का है। उन्होंने 1985 में 5,000 रुपये की पूंजी के साथ निवेश करना शुरू किया था।
स्टॉक मार्केट के दिग्गज निवेशक और ‘भारत के वॉरेन बफे’ कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का इस साल 14 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे। उनका जन्म पांच जुलाई, 1960 को हुआ था और उनकी नेटवर्थ 5.8 अरब डॉलर (46,000 करोड़ रुपये) थी। फोर्ब्स की 2021 की सूची के अनुसार, वह भारत के 36वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। उनकी तुलना दिग्गज अमेरिकी निवेशक वॉरेन बफे से की जाती थी। उन्हें भारतीय बाजारों का ‘बिग बुल’ भी कहा जाता था।
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र में इस साल चार सितंबर को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। टाटा समूह की कंपनी टाटा संस के वह छठे और सबसे युवा चेयरमैन रहे। उनका जन्म चार जुलाई 1968 में हुआ था। जब वर्ष 2012 में वह चेयरमैन बने तो उनकी उम्र सिर्फ 44 साल थी। मिस्त्री की अगुआई में शपूरजी पलोनजी का कंस्ट्रक्शन बिजनेस दो करोड़ डॉलर से बढ़कर 1,500 करोड डॉलर हो गया था। उन्होंने 1991 में कंस्ट्रक्शन कंपनी शपूरजी पलोनजी एंड कंपनी के डायरेक्टर के तौर पर फैमिली बिजनेस में कदम रखा था।
रसना समूह के संस्थापक और चेयरमैन अरीज पिरोजशा खंबाटा का जन्म 22 सितंबर 1937 में हुआ था। उनका इस साल 21 नवंबर को निधन हो गया। खंबाटा को लोकप्रिय घरेलू beverage brand रसना के लिए जाना जाता है, जिसे देश में 18 लाख रिटेल दुकानों पर बेचा जाता है। रसना अब दुनिया में सूखे यानी पाउडर के रूप में आने वाले सबसे बड़ा शीतल beverage ड्रिंक है।
मशहूर कारोबारी और फिल्ममेकर एम एम रामचंद्रन का इस साल तीन अक्टूबर को हो गया। एटलस रामचंद्रन के नाम से मशहूर रामचंद्रन का निधन दुबई में हुआ। रामचंद्रन एक ज्वेलरी रिटेल चेन के मालिक थे। 31 जुलाई 1942 में जन्मे रामचंद्रन की कंपनी की शाखाएं भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों में है। उनके और भी कारोबार हैं। उन्होंने तीन दशक पहले एटलस ज्वैलरी ग्रुप शुरू किया था। इसकी खाड़ी देशों में करीब 40 शाखाएं और भारत के केरल राज्य में कई आउटलेट हैं।
बजाज समूह के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का जन्म 10 जून, 1938 में हुआ था। इस साल 12 फरवरी को पुणे में उनका निधन हो गया। राहुल बजाज ने 1965 में दोपहिया वाहन कंपनी बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी अगुवाई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की प्रमुख कंपनी बन गई।