प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
IATA Annual General Meeting: नई दिल्ली में 40 से अधिक वर्षों के बाद इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) की 81वीं सालाना आम बैठक होने वाली है। 1 जून (रविवार) से आरंभ हो रहे तीन दिन के इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित कर सकते हैं।
आईएटीए की सालाना बैठक में लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों, विमान निर्माताओं और विमानन क्षेत्र से जुड़ी अन्य कंपनियों के प्रमुख और शीर्ष अधिकारी जुटते हैं। इसमें वैश्विक विमानन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाता है, इसीलिए विमानन उद्योग के लिए साल का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम माना जाता है। दुनिया की 350 से अधिक विमानन कंपनियां आईएटीए की सदस्य हैं और विमानन यातायात में उनकी 80 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। आईएटीए ने कहा है कि इन कंपनियों के मुख्य कार्य अधिकारियों (सीईओ), सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों समेत करीब 1,700 प्रतिभागी दिल्ली में हो रहे सम्मेलन में शिरकत कर सकते हैं।
भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो इस बैठक की मेजबान है। इससे पहले भारत में यह बैठक 1983 में हुई थी।
आईएटीए के महानिदेशक विली वाल्श ने कहा, ‘आईएटीए की सालाना आम बैठक 42 साल बाद भारत में होने पर हम काफी उत्साहित हैं। पिछले एक दशक में वैश्विक विमानन क्षेत्र में भारत का कद काफी बदला है। देश में रिकॉर्ड संख्या में विमानों के ऑर्डर दिए गए हैं, जबरदस्त वृद्धि हुई है और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार हुआ है।’
भारतीय विमानन उद्योग में 3,69,700 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका 5.6 अरब डॉलर का योगदान है। अप्रत्यक्ष रोजगार, विमानन के कारण मिलने वाले रोजकार और पर्यटन को जोड़ दें तो इस क्षेत्र से करीब 77 लाख नौकरी मिली हैं और जीडीपी में इसका योगदान 53.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाता है, जो देश के कुल जीडीपी का 1.5 फीसदी है।
आईएटीए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष और इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा, ‘भारत का विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और देश की सामाजिक-आर्थिक वृद्धि में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इंडिगो इस वृद्धि में सबसे आगे है।’
आईएटीए की सालाना आम बैठक में सीईओ का एक पैनल होगा, जिसमें सूत्रधार सीएनएन के रिचर्ड क्वेस्ट रहेंगे। पैनल में एल्बर्स, जेट ब्लू की जोआना गेराटी, अब्र ग्रुप के एड्रियन न्यूहॉसर तथा फेड एक्स के रिचर्ड स्मिथ रहेंगे। इसमें विमानन उद्योग की वित्तीय संभावना, भारत में विमानन से विकास की रणनीति, पर्यावरण के अनुकूल विमानन ईंधन तथा विमानन भुगतान में नवाचार आदि पर चर्चा की जाएगी।
देश के हवाई यात्रा बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारतीय विमानन कंपनियों ने साल 2023 से विमानों के कई बड़े ऑर्डर दिए हैं। फरवरी 2023 में टाटा के स्वामित्व वाले एयर इंडिया समूह ने 470 विमानों का ऑर्डर दिया था। समूह ने एयरबस को 250 विमानों और अमेरिकी हवाई जहाज कंपनी बोइंग को 220 विमानों को ऑर्डर दिया था। उसके चार महीने बाद जून में इंडिगो ने दुनिया का सबसे बड़ा विमान ठेका दे डाला। उसने एयरबस को 500 ए320नियो फैमिली विमानों का ठेका दिया।
पिछले साल जनवरी में नई विमानन कंपनी अकासा एयर ने बोइंग को 150 बी737 मैक्स विमानों का ऑर्डर दिया था। इंडिगो ने पिछले महीने यूरोपीय विमान विनिर्माता एयरबस को 30 ए350-900 विमानों का ऑर्डर दिया, जिसके लिए उसे 4 से 5 अरब डॉलर खर्च करने पड़ सकते हैं। एयर इंडिया समूह ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि उसने एयरबस को 100 विमानों का एक और ऑर्डर दिया है, जिसमें पतली बॉडी वाले 90 ए320 विमान और चौड़ी बॉडी वाले 10 ए350 विमान शामिल हैं।