गृह मंत्रालय ने नौकरी घोटालों और अवैध निवेश जैसे संगठित अपराधों में शामिल 100 वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनसे प्राप्त रकम को कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टोकरेंसी और अन्य मार्गों का इस्तेमाल कर भारत से बाहर लूटा गया।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) गृह मंत्रालय की पहल है। इसकी नैशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (एनसीटीएयू) ने पिछले सप्ताह कार्य आधारित संगठित निवेश और अंशकालिक नौकरी देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली 100 से अधिक वेबसाइटों की पहचान कर उन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 के तहत इन वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया।
बयान में कहा गया है, ‘कार्य आधारित एवं संगठित अवैध निवेश संबंधी आर्थिक अपराधों को बढ़ावा देने वाली ये विदेशों से संचालित हो रही थीं और वे डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर और किराये के खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। यह भी जानकारी मिली कि बड़े पैमाने पर किए गए आर्थिक धोखाधड़ी से मिली रकम को कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टो करेंसी, विदेशी एटीएम से निकासी और अंतरराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों द्वारा भारत से बाहर भेजा गया था।’
इन वेबसाइटों की कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दी गई। धोखाधड़ी करने के लिए ‘घर बैठे नौकरी’ या ‘घर बैठे कमाई कैसे करें’ जैसे शब्दों का विभिन्न भाषाओं में उपयोग किया गया और फिर इनका विज्ञापन गूगल और मेटा जैसे प्लेटफॉर्म पर डाला गया। इनके निशाने पर सेवानिवृत्त व्यक्ति, महिलाएं और अंशकालिक नौकरी की तलाश करने वाले युवा रहते हैं।
गृह मंत्रालय ने लोगों को आगाह किया है कि इंटरनेट पर प्रायोजित ऐसी किसी भी उच्च कमीशन भुगतान वाली ऑनलाइन योजनाओं में निवेश करने से पहले उन्हें जरूर सोचना चाहिए।