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जैन समुदाय ने एक बार फिर अपनी आर्थिक ताकत का प्रदर्शन किया है। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) की मदद से समुदाय के सदस्यों ने BMW, Audi और Mercedes जैसी 186 लग्जरी कारें एक साथ खरीदकर कुल 21 करोड़ रुपये की छूट हासिल की। यह देश में पहली बार हुआ है जब किसी समुदाय ने सामूहिक रूप से इतनी बड़ी संख्या में प्रीमियम कारें खरीदी हों।
यह पहल जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) द्वारा की गई, जो देशभर में 65,000 सदस्यों वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है। संगठन के उपाध्यक्ष हिमांशु शाह ने बताया कि जनवरी से जून 2024 के बीच ये कारें उनके नए मालिकों को सौंपी गईं।
प्रत्येक कार की कीमत 60 लाख रुपये से लेकर 1.3 करोड़ रुपये तक थी। शाह के अनुसार, सबसे अधिक कारें गुजरात के जैन सदस्यों ने खरीदीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि JITO ने केवल एक फैसिलिटेटर की भूमिका निभाई और इस सौदे से कोई आर्थिक लाभ नहीं कमाया।
इस अभियान की शुरुआत तब हुई जब कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि यदि समुदाय मिलकर खरीदारी करे तो बड़ी कंपनियों से भारी छूट मिल सकती है। इस विचार को आगे बढ़ाते हुए नितिन जैन ने पूरे अभियान का नेतृत्व किया।
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजsशन (JITO) ने अपनी सामूहिक खरीद क्षमता का उपयोग करते हुए कार कंपनियों से सीधे संपर्क कर भारी छूट हासिल की। संगठन के एक सदस्य के अनुसार, जैन समुदाय की बड़ी खरीद क्षमता को देखते हुए कई कार निर्माताओं ने मार्केटिंग खर्च बचाते हुए सीधे छूट देने के लिए सहमति जताई।
शुरुआत में कुछ सदस्यों ने व्यक्तिगत स्तर पर गाड़ियाँ खरीदीं। जैसे-जैसे बड़ी बचत की खबर फैली, अन्य सदस्य भी इससे जुड़ते गए। अब तक कुल 186 कारें खरीदी गईं और लगभग 21 करोड़ रुपये की बचत हुई। औसतन हर सदस्य ने 8 लाख से 17 लाख रुपये तक की बचत की — इतना कि कुछ लोग मजाक में कहने लगे कि यह बचत किसी दूसरे परिवारजन के लिए एक और कार ख़रीदने जितनी है।
कारों के इस सफल सौदे से उत्साहित होकर JITO ने अब ‘Utsav’ नाम से एक नया अभियान शुरू किया है। इसके तहत अब ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ब्रांड्स के साथ भी इसी तरह के समझौते किए जा रहे हैं, ताकि सदस्य रोजमर्रा की बड़ी खरीद में भी भारी छूट का लाभ उठा सकें।