भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती झड़प और दोनों देशों के खराब होते ताल्लुकात के बीच रोजमर्रा की जरूरतों का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) ने अपने उत्पादन संयंत्रों में काम के समय में बदलाव किए हैं। इन कंपनियों ने वितरकों को पर्याप्त भंडार का इंतजाम भी करने के लिए भी कह दिया है। वे अपने कर्मियों को सरकार के निर्देशों का पालन करने की भी हिदायत दे रही हैं।
कुछ कंपनियों ने पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों जम्मू कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में वस्तुओं की उपलब्ता सुनिश्चित करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं को अधिक सामान उपलब्ध करा रही हैं और उनसे तत्काल पैसे भी नहीं मांग रही हैं। कुछ मामलों में उपभोक्ता कंपनियों ने सीमा से सटे इलाकों में केवल अपनी बिक्री टीम के लोगों को तैनात कर रखा है और उन्हें सरकार के निर्देशों का पालन करने की हिदायत दे रखी हैं।
एडब्ल्यूएल एग्री के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अंशु मलिक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘फिरोजपुर में हमारी बासमती चावल प्रसंस्करण इकाई है जिसका ख्याल रखने की हमने पूरी कोशिश की है। हमारे कर्मचारी बगल में ही कर्मचारी आवास केंद्र में रहते हैं। पैकिंग थोड़ी धीमी गति से जरूर हो रही है मगर हमारे पास बासमती चावल के भंडार की कमी नहीं है।‘
कंपनी के देश के तीन राज्यों में 15 गोदाम हैं और अब तक उसे कोई दिक्कत पेश नहीं आई है। मलिक ने कहा, ‘हमने इन गोदामों में अधिक सामान भेजने शुरू कर दिए हैं और वितरकों को अधिक सामान इकट्ठा रखने के लिए कह रहे हैं। वितरक अमूमन 3-4 दिन का सामान खरीदतते हैं मगर हम उन्हें 7-8 दिन के भंडार का इंतजाम करने के लिए कह रहे हैं। दो एफएमसीजी कंपनियों के अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने अपने कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए कहा है। एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में उसके कर्मचारी शनिवार को घर पर ही थे क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों में बाजार बंद थे। इस अधिकारी ने कहा, इन दोनों बाजारों में कारोबारी गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं।
पारले प्रोडक्ट्स ने कहा कि उसने जम्मू कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में आवश्यक वस्तुओं का भंडार लगभग 15-20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है ताकि आपूर्ति में किसी तरह की बाधा नहीं आए। पारले प्रोडक्ट्स में उपाध्यक्ष मयंक शाह ने कहा, ‘हमारे ज्यादातर कर्मचारी उन्हीं इलाकों के हैं। हमने उन्हें सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है।’
अमूल में प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा, ‘श्रीनगर से भुज तक सीमावर्ती इलाकों में हमारे सभी कारोबार एवं बाजार में ताजा दूध की आपूर्ति सामान्य है। स्थानीय हालात को ध्यान में रखते हुए कारोबारी गतिविधियां संचालित हो रही हैं मगर विनिर्माण संयंत्रों में तीनों पालियों में काम लगातार हो रहा है क्योंकि दुग्ध उत्पाद तैयार करने के लिए चौबीसों घंटे काम होता है।’