केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान | फाइल फोटो
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मुख्यमंत्रियों को नैनो-उर्वरकों या बायो-स्टिमुलेंट उत्पादों को पारंपरिक उर्वरकों के साथ जबरन टैग करने से रोकने का निर्देश दिया है। चौहान ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में उनसे घटिया उर्वरकों की बिक्री और उनकी कालाबाजारी पर भी कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
सूत्रों ने कहा कि चौहान ने पिछले पखवाड़े संपन्न ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान संवाद व प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह पत्र लिखा है। मंत्री ने इस अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि किसानों में नकली बीजों और उर्वरकों के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कानून सहित विशेष कदम उठाए जाने चाहिए। इस बीच सूत्रों ने बताया कि कंपनियों को कई बार अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए पारंपरिक उर्वरकों के साथ नैनौ उत्पादों जैसे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की जबरन टैगिंग करते हुए पाया गया है।
चौहान ने आज जारी आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्रियों को नकली और घटिया उर्वरकों के खिलाफ तत्काल व सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत नकली या घटिया उर्वरकों की बिक्री प्रतिबंधित है और जो आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत आता है। इसके अलावा चौहान ने पत्र में कहा कि यह राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे सही स्थानों और उन जगहों पर जहां इसकी आवश्यकता है, उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसलिए राज्यों को कालाबाजारी, अधिक मूल्य निर्धारण और सब्सिडी वाले उर्वरकों के डायवर्जन जैसी गतिविधियों पर सख्ती से निगरानी रखनी चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। चौहान ने राज्य व केंद्रशासित राज्यों को उर्वरक उत्पादन व बिक्री की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के साथ-साथ नमूने लेने और परीक्षण के माध्यम से नकली और घटिया उत्पादों पर सख्त नियंत्रण रखने का भी निर्देश दिया।
चौहान ने पारंपरिक उर्वरकों के साथ नैनो-उर्वरकों या बायो-स्टिमुलेंट उत्पादों की जबरन टैगिंग पर कहा कि इसे तुरंत ‘बंद’ किया जाना चाहिए। बयान में कहा गया है, ‘दोषियों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने और एफआईआर दर्ज करने सहित सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’
पत्र में राज्यों को निगरानी प्रक्रिया में किसानों या किसान समूहों को शामिल करते हुए फीडबैक और सूचना प्रणाली विकसित करने और किसानों को असली और नकली उत्पादों की पहचान करने के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष प्रयास करने के लिए भी निर्देश दिया गया है।
उन्होंने राज्यों से नकली और घटिया कृषि आदानों की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए उपरोक्त निर्देशों के अनुसार राज्यव्यापी अभियान शुरू करने का भी आग्रह किया।