facebookmetapixel
Stock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी बंटवारा, रिकॉर्ड-डेट पर सबकी नजरयूके एफटीए से अमेरिका टैरिफ विवाद तक: 2025 में भारत की ट्रेड पॉलिसी की तस्वीरMCap: सात बड़ी कंपनियों का मार्केट कैप डूबा, SBI सबसे बड़ा नुकसान उठाने वालीIncome Tax Refund: टैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR में छूटी जानकारी या गलत दावा? अब सही करने का आखिरी अवसरZepto IPO: SEBI में गोपनीय ड्राफ्ट फाइल, ₹11,000 करोड़ जुटाने की तैयारीFake rabies vaccine row: IIL का बयान- रैबीज वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं, फर्जी बैच हटाया गयाDelhi Weather Update: स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्ली, सांस लेना हुआ मुश्किल; कई इलाकों में AQI 400 के पारअरावली की रक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन, 29 दिसंबर को सुनवाईYearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्स

2023 में EV, हाइब्रिड की मांग बढ़ी

इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी भी इजाफा नजर आया और यह 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 2.2 प्रतिशत हो गई।

Last Updated- January 02, 2024 | 10:42 PM IST
After Hybrid, Yogi Govt extended sops to EV vehicles. Subsidy to continue till Oct 2027 EV Subsidy: उत्तर प्रदेश में हाइब्रिड के बाद इलेक्ट्रिक वाहन भी मिलेंगे कम दाम पर, योगी सरकार ने तीन साल के लिए बढ़ाई सब्सिडी

साल 2023 के दौरान उपभोक्ताओं ने डीजल वाहनों से दूरी बनाई तथा हाइब्रिड कारों और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का रुख किया। आने वाले वर्षों के दौरान यात्री वाहन उद्योग में विभिन्न तरह के इंजनों का मिश्रण दिखने की संभावना है, हालांकि स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) की बिक्री ने जोर पकड़ा हुआ है।

मारुति सुजूकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यअधिकारी (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव के अनुसार संपूर्ण पीवी श्रेणी में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी साल 2022 की 19.2 प्रतिशत से घटकर साल 2023 में 17.6 प्रतिशत रह गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इसी अवधि के दौरान हाइब्रिड वाहनों की हिस्सेदारी 0.5 प्रतिशत से बढ़कर दो प्रतिशत हो गई।

इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी भी इजाफा नजर आया और यह 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 2.2 प्रतिशत हो गई। दिलचस्प बात यह है कि सीएनजी वाहनों की हिस्सेदारी भी बढ़ी है और वाहन क्षेत्र के मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) का मानना है कि यह ईंधन का अच्छा विकल्प है, खास तौर पर शुरुआती स्तर वाली कारों के लिए।

मसलन ह्युंडै मोटर इंडिया (एचएमआईएल) के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी प्रति माह लगभग 6,000 सीएनजी वाहन बना रही है। ऑरा और एक्सटर जैसे मॉडलों में इस ईंधन विकल्प की हिस्सेदारी पहले से ही ज्यादा है। गर्ग को लगता है कि डीजल वाहनों (ह्युंडै के पास अब एसयूवी के लिए डीजल विकल्प हैं) के भविष्य के बारे में पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है।

हालांकि कंपनी को लगता है कि साल 2030 तक कुल यात्री वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 20 से 22 प्रतिशत होगी। ह्युंडै ने साल 2023 के दौरान अपनी 1,100 इओनिक ईवी बेचीं, जबकि उसका आंतरिक लक्ष्य 500 गाड़ियां बेचने का था।

टाटा मोटर्स (यात्री वाहन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी) के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘ईवी श्रेणी और नए अनूठे ट्विन-सिलेंडर सीएनजी श्रेणी की हमारी उत्सर्जन-अनुकूल गाड़ियों की बिक्री में भी वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही के दौरान तीव्र वृद्धि दर्ज की गई।

नई नेक्सॉन ईवी की शुरुआत और टियागो ईवी की लोकप्रियता कायम रहने की वजह से ईवी की बिक्री में वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही की तुलना में 21 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्ज की गई। सीएनजी वाली श्रेणी में चार वाहनों ने वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही की तुलना में संयुक्त रूप से 214 प्रतिशत की खासी वृद्धि दर्ज की।’

श्रीवास्तव ने बताया कि उपभोक्ता कई कारणों से हाइब्रिड वाहनों को अपना रहे हैं। ईवी खरीद की लागत अधिक है और वे चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के पारिस्थितिकी तंत्र के संबंध में आश्वस्त नहीं हैं। हालांकि पहले वे ईंधन के बेहतर विकल्प के रूप में डीजल की वकालत कर रहे थे, लेकिन अब बदलते नियमों से सोच में बदलाव आया है।

First Published - January 2, 2024 | 10:42 PM IST

संबंधित पोस्ट