facebookmetapixel
2025 में भारत की तेल मांग चीन को पीछे छोड़ने वाली है, जानिए क्या होगा असररॉकेट बन गया सोलर फर्म का शेयर, आर्डर मिलते ही 11% दौड़ा; हाल ही में लिस्ट हुई थी कंपनीटायर स्टॉक पर ब्रोकरेज बुलिश, रेटिंग अपग्रेड कर दी ‘BUY’; कहा-करेक्शन के बाद दौड़ेगा शेयरVeg and Non veg thali price: अगस्त में महंगी शाकाहारी और मांसाहारी थालीफिर से दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत-चीन का होगा दबदबा! अमेरिका को मिलेगी टक्कर?त्योहारी सीजन से पहले Audi India ने दी गुड न्यूज! ₹7.8 लाख तक घटा दी कीमतें, चेक करें नई रेट लिस्टGST 2.0 में कॉम्पेंसेशन सेस हटने से डीलर्स को बड़ा नुकसान होने का खतरा, पूर्व ICAI अध्यक्ष ने सुझाया समाधानMotilal Oswal ने इस हफ्ते के लिए चुना ये धाकड़ स्टॉक, टेक्निकल चार्ट पर दे रहा पॉजिटिव संकेत; जानें टारगेट और स्टॉपलॉसCancer Vaccine: रूस ने पेश की EnteroMix कैंसर वैक्सीन, प्रारंभिक परीक्षण में 100% सफलताMutual Fund: पोर्टफोलियो बनाने में उलझन? Sharekhan ने पेश किया मॉडल; देखें आपके लिए कौन-सा सही?

भारत-पाक समझौते के बाद भी कंपनियों में डर बरकरार, वर्क फ्रॉम होम का सहारा

पिछले कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच कॉरपोरेट इंडिया ने कई कदम उठाए हैं।

Last Updated- May 12, 2025 | 7:05 AM IST
india pakistan tensions
Representative Image

भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम को तनाव कम करने को लेकर जो आपसी समझ बनी थी, उसका असर ज्यादा देर तक नहीं टिक सका। कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान की ओर से समझौते के उल्लंघन की खबरें सामने आईं, जिसके चलते भारतीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को लेकर जारी किए गए निर्देशों में कोई ढील नहीं दी है।

पिछले कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच कॉरपोरेट इंडिया ने कई कदम उठाए हैं। इसमें संवेदनशील इलाकों में शिफ्ट में बदलाव, यात्रा को लेकर चेतावनी और संकट प्रबंधन टीमों को सक्रिय करना शामिल है।

हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि वे समझौते को पूरी निष्ठा से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन भारतीय कंपनियां अब जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं लेना चाहतीं। शनिवार रात की घटनाओं के बाद कंपनियों का मानना है कि फिलहाल सुरक्षा उपायों को जारी रखना ही समझदारी होगी।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए फार्मा कंपनियां सतर्क हो गई हैं। मैनकाइंड फार्मा के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव जुनेजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में बताया कि शनिवार तक राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर जैसे बॉर्डर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी गई थी।

उन्होंने कहा, “रविवार तक हमारे पास स्थिति को देखने का समय है। भारत और पाकिस्तान के बीच हालात सामान्य करने की कोशिशें चल रही हैं। हम स्थानीय प्रशासन की ओर से जो भी निर्देश मिलेंगे, उसका पालन करेंगे।”

Also Read: India-Pakistan tension में कर्मचारी सुरक्षा को लेकर भारतीय कंपनियों की तैयारी

अन्य दवा कंपनियों ने भी कहा है कि वे मौजूदा हालात पर नजर बनाए हुए हैं, खासकर अपने फील्ड स्टाफ को लेकर।

इस बीच, दवा स्टॉकिस्ट पहले की तरह काम कर रहे हैं, सप्लाई चेन सामान्य है और देशभर में निर्माण इकाइयां सुचारू रूप से चल रही हैं।

सीमा से लगे क्षेत्रों में तनाव का असर अब भी दिख रहा है। गुजरात की एक दवा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘‘डॉक्टर शाम 6 बजे तक ही अपने क्लीनिक बंद कर रहे हैं, जिससे बिक्री प्रतिनिधियों को उनसे मिलने में दिक्कत हो रही है।’’

हालांकि, हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित उत्पादन संयंत्रों में कामकाज जारी है और देश के अन्य हिस्सों में स्थिति सामान्य बनी हुई है। इसके बावजूद कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए जारी की गईं सलाहों को हटाने से पहले हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

CIEL HR Services के एमडी और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘सीजफायर ने जरूर चिंता कुछ कम की है, लेकिन असमंजस अभी भी बना हुआ है। कामकाज की पूरी तरह सामान्य स्थिति के लिए अभी कुछ दिनों तक भू-राजनीतिक हालात शांत रहने जरूरी होंगे।’’

सबसे अधिक असर उन इलाकों में देखा जा रहा है जो पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं। यहां सरकारी निर्देशों और ब्लैकआउट्स के चलते कंपनियों के कामकाज पर असर पड़ा है।

बिजली संकट और सुरक्षा चिंताओं के बीच कई कंपनियों ने अपने कामकाज के समय में बदलाव किए हैं। डाबर के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने जम्मू स्थित फैक्ट्री में रात की शिफ्ट अस्थायी रूप से बंद कर दी है। उन्होंने कहा, “दिन की सामान्य शिफ्ट चल रही है, लेकिन सूर्यास्त के बाद संचालन नहीं किया जा रहा है ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”

डाबर ने बाहर से आए कर्मचारियों को अपने-अपने घर लौटने की अनुमति भी दे दी है ताकि वे अपने परिवारों के करीब रह सकें।

उत्तर भारत की एक प्रमुख पेय निर्माता कंपनी ने भी पंजाब और गुजरात स्थित प्लांट्स में शिफ्ट बदलने के समय में बदलाव किया है। कंपनी ने शाम 7 बजे के बाद किसी भी तरह की आवाजाही रोक दी है, ताकि अचानक ब्लैकआउट की स्थिति में कर्मचारी सुरक्षित रहें।

AWL एग्री बिजनेस के अंगस मलिक ने बताया कि उनकी फैक्ट्री, जो पंजाब के फिरोजपुर में है, अब केवल 12 घंटे की सुबह की शिफ्ट में ही काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हम आवश्यक वस्तुओं का कारोबार करते हैं, इसलिए हमारी टीम अभी भी ग्राउंड पर काम कर रही है, लेकिन सिर्फ दिन के समय में।”

देश के सीमावर्ती इलाकों में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। ITC ने अपने कर्मचारियों को स्थानीय प्रशासन की गाइडलाइंस का पालन करने और हालात पर नजर बनाए रखने को कहा है। वहीं, डेलॉइट (Deloitte) ने सभी गैर-जरूरी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राएं फिलहाल टाल दी हैं। इसके अलावा, बॉर्डर इलाकों में कार्यरत कर्मचारियों को उनके बेस लोकेशन पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।

उद्योगों पर असर, गुजरात-पंजाब में मैन्युफैक्चरिंग धीमी

टीमलीज़ के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर सुब्बुराथिनम पी ने बताया कि लगभग सभी कंपनियों ने संवेदनशील इलाकों में यात्रा से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि गुजरात, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में विनिर्माण गतिविधियां काफी धीमी हो गई हैं, जैसे कोविड काल के समय हुआ था।

हर रोज दो बार मीटिंग कर रही कंपनियों की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम

बेंगलुरु स्थित एक कंपनी, जो ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की स्थापना में मदद करती है, उसने संकट से निपटने के लिए एक क्राइसिस मैनेजमेंट टीम बनाई है। इस टीम में सुविधाएं, IT, HR और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो दिन में दो बार बैठक कर हालात का जायजा ले रहे हैं।

डेलॉइट ने देशभर में एक कमांड सेंटर हेल्पलाइन की शुरुआत की है, ताकि कर्मचारियों को सहायता मिल सके। सभी को सरकारी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने और सतर्क रहने को कहा गया है।

IT सेक्टर में फिर से एक्टिव हुआ वर्क फ्रॉम होम

कोविड के बाद से घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) की व्यवस्था अपनाने वाली IT कंपनियों ने फिर से इस मॉडल को एक्टिव कर दिया है। जानकारों के मुताबिक, उत्तर भारत की ज्यादातर IT कंपनियां पहले ही कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दे चुकी हैं।

उत्तर भारत में हालात को देखते हुए एफएमसीजी और आईटी कंपनियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। एक एफएमसीजी कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनकी सेल्स टीम को वर्क फ्रॉम होम (WFH) के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही दिन में दो बार चेक-इन अनिवार्य कर दिया गया है।

आईटी कंपनियों ने भी बिजनेस कंटीन्यूटी प्लान (BCP) को सक्रिय कर दिया है। एक बड़ी आईटी कंपनी के सीनियर अधिकारी ने बताया, “हालात को देखते हुए कोई औपचारिक एडवाइजरी नहीं जारी की गई है, ताकि घबराहट न फैले। हालांकि, नॉर्थ रीजन में सीनियर लीडर्स को जरूरत के मुताबिक WFH का फैसला लेने को कहा गया है।”

उन्होंने आगे बताया कि जहां जरूरी है वहां फ्लेक्सिबल वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था पहले से लागू है।

दूसरी ओर, क्लाइंट्स की ओर से कामकाज में रुकावट को लेकर सवाल उठ रहे हैं। एक अन्य आईटी कंपनी के अधिकारी ने बताया, “जहां काम बेहद जरूरी है और साइट पर मौजूद रहना जरूरी है, वहां कर्मचारियों से ऑफिस आने को कहा गया है।”

गृह मंत्रालय (MHA) और स्थानीय प्रशासन की ओर से 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इसे देखते हुए देश की बड़ी आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए जरूरी निर्देश जारी किए हैं।

भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने कर्मचारियों को एक इंटरनल ईमेल भेजा है। इसमें कहा गया है, “हम नागरिकों और एक संगठन के रूप में इन दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि आपको सभी जरूरी जानकारी दी जाए, लेकिन इसके साथ-साथ स्थानीय प्रशासन से मिलने वाले निर्देशों को भी जरूर देखें और उसका पालन करें।”

TCS के अलावा, बिग फोर में शामिल EY (अर्न्स्ट एंड यंग) ने भी उत्तर भारत में स्थित अपने कर्मचारियों को शुक्रवार को वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी थी। हालांकि, आने वाले सप्ताह के लिए कोई नई एडवाइजरी फिलहाल नहीं जारी की गई है।

सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में कई अन्य कंपनियां भी हालात की समीक्षा करेंगी और ज़रूरत पड़ने पर नई एडवाइजरी जारी कर सकती हैं।

First Published - May 12, 2025 | 7:05 AM IST

संबंधित पोस्ट