भारत में सोलर मॉड्यूल और सेल विनिर्माण के रूप में आंध्र प्रदेश तेजी से प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। आंध्र प्रदेश ने इस क्षेत्र में स्थापित दिग्गज राज्यों गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु को चुनौती देनी शुरू कर दी है। आंध्र प्रदेश में बीते वर्ष चंद्रबाबू नायडू सरकार के सत्ता संभालने के बाद इस क्षेत्र में निवेश तेजी से बढ़ा है।
इस महीने राज्य में प्रवेश करने वाली सबसे नई कंपनी कोलकाता की जुपिटर इंटरनैशनल है। इस कंपनी की योजना राज्य में 2,700 करोड़ रुपये के निवेश से अनकापल्ली जिले के रामबिली में 4.8 गीगावॉट सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) और 1.5 गीगावॉट के मोड्यूल विनिर्माण की सुविधा स्थापित करना है। यह निवेश जुपिटर इंटरनैशनल की सहायक कंपनी जुपिटर रिन्यूऐबल के जरिये किया जाना है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबित राज्य दिग्गज कंपनी वारी एनर्जीस, टाटा पॉवर सोलर और विक्रम सोलर को भी शामिल करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा अन्य महत्त्वपूर्ण निवेश में 69,000 करोड़ का इंडोसोल सोलर और प्रीमियर एनर्जीस की परियोजना है। इस साल मार्च में भारत की दूसरी सबसे बड़ी इंटिग्रेटिड सोलर सेल और मोड्यूल विनिर्माता प्रीमियर एनर्जीस ने अपनी सेल विनिर्माण इकाई को तेलंगाना से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के नायडूपेटा औद्योगिक पार्क में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है।
राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि प्रीमियर एनर्जी प्रथम चरण में 1,742 करोड़ रुपये की लागत से 5 गीगावॉट का व इनगोट व सोलर वेफर विनिर्माण केंद्र स्थापित करेगा। इसके दूसरे चरण में 4,200 करोड़ रुपये निवेश से 8 गीगावॉट की सोलर सेल विनिर्माण इकाई आएगी।
सरकारी अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि नई प्रवेश करने वाली कंपनी जुपिटर रिन्यूएबल है और यह रामबिली में 4.8 गीवावाट का सोलर पीवी सेल और 1.5 गीगावॉट सोलर मोड्यूल विनिर्माण सुविधा स्थापित कर रही है। यह कार्य दो चरणों में होगा।