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भारत में कृत्रिम मेधा (एआई) का उपयोग करने वाली 78 प्रतिशत छोटी एवं मझोली इकाइयों ने अपना राजस्व बढ़ने का दावा किया है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। क्लाउड सेवा प्रदाता सेल्सफोर्स की तरफ से 26 देशों के छोटे एवं मझोले कारोबार (एसएमबी) के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण में यह नतीजा निकला है।
इस सर्वेक्षण में परिचालन सुधारने और राजस्व बढ़ाने के लिए एआई प्रौद्योगिकी को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला गया। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, 78 प्रतिशत भारतीय एसएमबी या तो एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं या उसे आजमा रहे हैं। इनका अग्रणी उपयोग स्वचालित सेवा चैटबॉट, मार्केटिंग अभियान अनुकूलन और सामग्री निर्माण में हो रहा है।
सर्वेक्षण में शामिल 93 प्रतिशत भारतीय छोटी एवं मझोली कंपनियों ने कहा कि एआई ने राजस्व बढ़ाने में मदद की है। सेल्सफोर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (बिक्री) अरुण कुमार परमेश्वरन ने कहा, ‘‘छोटे व्यवसाय यह दर्शा रहे हैं कि नवाचार और वृद्धि कारोबार के आकार से सीमित नहीं हैं। एआई-संचालित प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर एसएमबी अपना कारोबार बढ़ाने के लिए कुशल तरीके खोज रहे हैं।’’ हालांकि, यह रिपोर्ट छोटी एवं मझोली कंपनियों के सामने मौजूद चुनौतियों का भी जिक्र करती है।
करीब 41 प्रतिशत उत्तरदाता एआई को अपनाने की दौड़ में पीछे रह जाने से लेकर चिंतित हैं जबकि 60 प्रतिशत को तेजी से विकसित हो रही तकनीक के साथ तालमेल बिठाना चुनौतीपूर्ण लगता है।