इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड पर सरकार ने 58.74 करोड़ रुपये का GST जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना साल 2020-21 के लिए लगाया गया है। यह आदेश दिल्ली साउथ के CGST अधिकारी ने दिया है। इसके बारे में कंपनी ने 12 दिसंबर को शेयर बाजार को बताया। इंटरग्लोब एविएशन का कहना है कि यह जुर्माना गलत लगाया गया है। कंपनी का कहना है कि उसके पास मजबूत सबूत हैं और उसने टैक्स के जानकारों से सलाह ली है। कंपनी अब इस फैसले के उचित प्राधिकरण के पास अपील करेगी। कंपनी ने यह भी कहा है कि इस जुर्माने से उसके रोज के काम और उड़ानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कंपनी ने कहा है कि इस जुर्माने से उसकी वित्तीय स्थिति, रोज के काम और कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। इंडिगो की उड़ानें और बाकी काम पहले की तरह चलते रहेंगे। वहीं, उड़ानों में बार-बार परेशानी आने के बाद DGCA ने इंडिगो पर सख्त नजर रखनी शुरू कर दी है। 11 दिसंबर को DGCA के अधिकारी इंडिगो के दफ्तर पहुंचे और वहां के कामकाज को देखा और जांच की।
यह भी पढ़ें: इंडिगो की रद्द उड़ानों से यात्री परेशान, ऑनलाइन ट्रैवल कंपनियों ने रिफंड और रीशेड्यूलिंग में बढ़ाई मदद
इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को DGCA द्वारा गठित जांच समिति के सामने पेश होना पड़ा। उनसे पूछा गया कि इतनी ज्यादा उड़ानें क्यों रद्द हुईं और यात्रियों को परेशानी क्यों हुई। DGCA ने उन्हें शुक्रवार को दोबारा पेश होने के लिए कहा है।
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 200 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं। इंडिगो ने बताया कि वह करीब 1,950 उड़ानें संचालित कर रही है और लगभग 3 लाख यात्रियों को यात्रा कराने की उम्मीद है। नागर विमानन मंत्रालय ने इंडिगो को अपने विंटर शेड्यूल में 10 फीसदी कटौती करने का निर्देश दिया है। आमतौर पर इंडिगो करीब 2,300 उड़ानें संचालित करती है।
यह भी पढ़ें: इंडिगो की उड़ानों में 10 फीसदी की कटौती, अन्य एयरलाइंस ने संभलकर किया विस्तार
DGCA ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें संयुक्त महानिदेशक संजय ब्रह्माणे, उप महानिदेशक अमित गुप्ता, वरिष्ठ फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर कपिल मंगलीक और लोकेश रामपाल शामिल हैं। समिति का उद्देश्य उड़ानों में आई बड़ी बाधाओं के असल कारणों का पता लगाना है।