भारत की दिग्गज ऑयल कंपनी इंडियन ऑयर कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOC) ने वित्त वर्ष 24 की जून तिमाही के लिए 13,750 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया है।
पिछले साल की इसी तिमाही (Q1F23) में ऑयल कंपनी को 1,992.53 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी ने BSE फाइलिंग में यह जानकारी दी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1YFY24) में कंपनी का नेट प्रॉफिट तिमाही के आधार पर (QoQ) 36.7 प्रतिशत हो गया। वहीं, 31 मार्च को समाप्त हुई वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में कंपनी ने 10,058.69 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था।
रेवेन्यू घटा
Q1FY24 में परिचालन से राजस्व (revenue from operations ) 2.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह 2.5 लाख करोड़ रुपये था। यह सालाना आधार पर (YoY) 12.21 फीसदी की गिरावट है।
तिमाही आधार पर (QoQ), परिचालन के लिए राजस्व 2.36 प्रतिशत कम था। Q4FY23 में यह 2.26 लाख करोड़ रुपये था।
Indian Oil के टोटल इनकम में भी आई कमी
Q1FY24 के लिए कुल आय 2.21 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 2.52 लाख करोड़ रुपये थी। यह सालाना आधार पर 12.1 फीसदी की गिरावट है।
तिमाही आधार पर (QoQ) कुल इनकम 2.75 प्रतिशत कम थी। Q4FY23 में यह 2.28 लाख करोड़ रुपये थी।
विदेशों से हुए कई सौदे
इस महीने की शुरुआत में, तेल प्रमुख ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की Abu Dhabi Gas Liquefaction Co Ltd (ADNOC LNG) और फ्रांस की France’s TotalEnergies के साथ लांग-टर्म लिक्विफाइड नैचुरल गैस (एलएनजी) आयात सौदे पर हस्ताक्षर किए।
इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस और UAE यात्रा के दौरान इन सौदों पर हस्ताक्षर किए गए।
कंपनी ने कहा कि इन दोनों सौदों के तहत आपूर्ति 2026 से शुरू होगी।
BPCL, IOC की बिक्री में भी देखने को मिली बढ़ोतरी
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मानसून की बारिश के कारण भारत की ऑयल डिमांड जून में कम हो गई। जबकि मई में डीजल की रिकॉर्ड बिक्री के कारण इसकी मांग में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली थी।
विश्लेषकों ने कहा कि कंपनियों ने कई महीनों से पंप कीमतों में संशोधन नहीं किया है, लेकिन पिछले साल के उच्चतम स्तर से कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 50 फीसदी की गिरावट से रिफाइनर्स को मदद मिली है।
दूसरी तेल कंपनी और सरकारी रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्प (Bharat Petroleum Corp ) भी बुधवार को मुख्य रूप से उच्च मार्केटिंग मार्जिन के कारण, एक साल पहले घाटे से मुनाफे में आ गई।
रूस से हो रहे आयात
भारतीय रिफाइनर्स भी सस्ता रूसी क्रूड खरीद रही हैं।
Indian Oil, अपनी यूनिट चेन्नई पेट्रोलियम (Chennai Petroleum) के साथ, भारत की पांच मिलियन बैरल-प्रतिदिन की रिफाइनिंग क्षमता के लगभग एक तिहाई को नियंत्रित करती है।