यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम में क्रांति ला दी है। मगर धीरे-धीरे यूपीआई ट्रांजैक्शन के मामले में फोन पे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) की हिस्सेदारी इतनी बढ़ गई है कि अब दोनों कंपनियां UPI इकोसिस्टम में लगभग अपना एकाधिकार स्थापित कर सकती हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) इस महीने फिनटेक स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करेगा। टेकक्रंच (TechCrunch) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्रस्तावित बैठक Google Pay और PhonePe की बढ़ती बाजार हिस्सेदारी के संबंध में सांसदों और UPI इकोसिस्टम के अन्य खिलाड़ियों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के बढ़ते प्रयास का हिस्सा हैं। मात्रा के हिसाब से UPI लेनदेन का लगभग 86 प्रतिशत हिस्सा इन दोनो कंपनियां के पास है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि NPCI के अधिकारी क्रेड (CRED), फ्लिपकार्ट (Flipkart), फैम्पे (Fampay), अमेजन (Amazon) और अन्य फिनटेक कंपनियों के प्रतिनिधियों से मिलेंगे और उनके प्लेटफॉर्म पर यूपीआई ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहल पर चर्चा करेंगे। उम्मीद है कि बैठक से NPCI को इन कंपनियों को बढ़ने के लिए आवश्यक समर्थन को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
PhonePe ने नेपाल, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में UPI पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साल की शुरुआत में, Google Pay ने इंटरनेशनल पेमेंट के लिए UPI का विस्तार करने के लिए NPCI के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
वहीं दूसरी तरफ, UPI इकोसिस्टम की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी पेटीएम (Paytm) की बाजार हिस्सेदारी में इस साल गिरावट देखी गई है, जो आंशिक रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नियामक कार्रवाइयों के कारण है।
RBI ने कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम में बढ़ते एकाधिकार पर NPCI के प्रति “नाराजगी” व्यक्त की है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक उभरते यूपीआई कंपनियों के लिए ज्यादा अनुकूल प्रतिस्पर्धी माहौल बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। NPCI फिनटेक कंपनियों को अपने ऐप के माध्यम से यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यूजर्स को इंसेंटिव देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
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बता दें कि NPCI ने यूपीआई इकोसिस्टम में कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 30 प्रतिशत तक सीमित करने की वकालत की है, जिसकी समय सीमा दिसंबर 2024 के अंत तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, तकनीकी सीमाओं के कारण यह लक्ष्य हासिल करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
NPCI द्वारा विकसित UPI, ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए देश में सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक बन गया है और मासिक रूप से इसके माध्यम से 10 अरब से ज्यादा लेनदेन किए जाते हैं।