दुनिया की कुछ सबसे बड़ी निजी इक्विटी कंपनियां और निवेश बैंक भारत पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और एशिया के उनके कुछ शीर्ष प्रबंधनकर्ता अब भारत में स्थित हैं। केकेआर ऐंड कंपनी, ब्लैकस्टोन इंक और हाल ही में कार्लाइल जैसी कंपनियां भारत से बड़े लेनदेन में उछाल के कारण इस क्षेत्र की देखरेख के लिए अपने शीर्ष अधिकारियों की भूमिकाओं का विस्तार कर रही हैं।
उदाहरण के लिए ब्लैकस्टोन प्राइवेट इक्विटी के एशिया प्रमुख अमित दीक्षित साल 2007 में कंपनी में शामिल हुए थे और उन्होंने दक्षिण एशिया और वैश्विक तकनीक-सक्षम सेवाओं में विभिन्न निवेशों की अगुआई की है और वे मुंबई में हैं।
इसी तरह गौरव त्रेहन साल 2020 में टीपीजी से केकेआर ऐंड कंपनी में शामिल हुए थे और जल्दी ही केकेआर एशिया पैसिफिक के सह-प्रमुख, साझेदार बन गए। इसके अलावा उन्हें केकेआर इंडिया का मुख्य कार्य अधिकारी भी नियुक्त किया गया और वे भारत से ही काम करते हैं।
केकेआर ने हार्दिक शाह को भी मुंबई में अपनी एशिया-पैसिफिक इन्फ्रास्ट्रक्चर टीम में भागीदार के रूप में शामिल किया है। वह मैक्वेरी के सिडनी कार्यालय से मुंबई शाखा में आए हैं, जहां वह दक्षिण एशिया में निवेश पर ध्यान केंद्रित देते हैं। इससे पहले शाह ने मैक्वेरी में एक दशक से ज्यादा का वक्त बिताया था, जहां उन्होंने भारत में उनके बुनियादी ढांचा कारोबार निर्मित करने में मदद की थी।
पिछले सप्ताह कार्लाइल ने अनुज पोद्दार को एशिया के लिए ग्लोबल पोर्टफोलियो सॉल्यूशंस (जीपीएस) के सह-प्रमुख के नव-निर्मित पद पर नियुक्त किया, जिसका ध्यान भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया पर है। पोद्दार भारत में रहेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि चीन में सौदे करने की रफ्तार धीमी पड़ने और दक्षिण-पूर्व एशिया के बाकी हिस्सों में बड़े सौदे न होने के कारण निजी इक्विटी कपंनियां भारत के अपने शीर्ष प्रबंधनकर्ताओं को एशिया प्रमुख बनाकर प्रोत्साहित कर रही हैं।