IIHL Chairman Ashok Hinduja
मॉरीशस की कंपनी इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) 2030 तक 50 अरब डॉलर मूल्यांकन हासिल करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। कंपनी के चेयरमैन अशोक हिंदुजा ने कहा कि इंडसइंड बैंक तथा दुनिया भर में अन्य सहायक कंपनियों में निवेश बढ़ रहा है और रिलायंस कैपिटल तथा इन्वेस्को म्युचुअल फंड के अधिग्रहण के साथ कंपनी का मूल्यांकन 50 अरब डॉलर हो सकता है।
हिंदुजा ने पिछले शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि आईआईएचएल इडसइंड बैंक में अपनी हिस्सेदारी 15 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी कर रही है और यूरोप के विभिन्न देशों में छोटे-छोटे बैंकों का अधिग्रहण करने की संभावना भी तलाश रही है।
उन्होंने कहा, ‘हमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पत्र मिला है, जिसमें इंडसइंड बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रक्रिया को दिशानिर्देंशों के मुताबिक आगे बढ़ाने के लिए कहा गया है। तमाम फॉर्म भरे जा चुके हैं और सूचना दी जा चुकी हैं। यह सब इंडसइंड बैंक के पास जा चुका है और बैंक के बोर्ड ने भी इसे मंजूरी दे दी है। अब मंजूरी के लिए इसे नियामक के पास भेजा गया है। हमें एक-दो हफ्ते में नियामक का जवाब आने की उम्मीद है। वहां से मंजूरी मिलते ही हम बैंक के जरिये या बाजार के जरिये या दोनों के जरिये पूंजी जुटाने में लग जाएंगे।’
इस साल मार्च तक आईआईएचएल की हैसियत (नेटवर्थ) 2.04 अरब डॉलर थी और वह इंडसइंड बैंक में अपनी हिस्सेदारी किस्तों में बढ़ाएगी। शुक्रवार को इंडसइंड बैंक का शेयर 1,482 रुपये पर बंद हुआ था, जिसके हिसाब से उसका मूल्यांकन 1.1 लाख करोड़ रुपये था।
हिंदुजा ने कहा, ‘अंतिम मंजूरी मिलने के 24 घंटे के भीतर आईआईएचएल बैंक में निवेश करने लगेगी।’ कंपनी अभी स्विट्जरलैंड, लिकटंस्टाइन, जर्मनी और लक्जमबर्ग में छोटे बैंकों के अधिग्रहण के लिए जांच-परख में जुटी है। उन्होंने कहा, ‘सब कुछ ठीक रहा तो हम विदेशी बैंक के लिए पेशकश कर सकते हैं।’ अप्रैल में आईआईएचएल ने इन्वेस्को ऐसेट मैनेजमेंट इंडिया में 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर पैरा-बैंकिग क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाई।
हिंदुजा ने कहा कि आईआईएचएल अपने शेयर अफ्रीनेक्स एक्सचेंज में सूचीबद्ध कराने को योजना बना रही है ताकि शेयरधारकों को हिस्सेदारी बेचने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा, ‘आईआईएचएल में ऊंची नेटवर्थ यानी बड़ी हैसियत वाले 600 से ज्यादा शेयरधारक हैं, जो कंपनी के साथ पक्के तौर पर जुड़े हैं।
शुरुआती दौर में उन्होंने 1 डॉलर प्रति शेयर पर निवेश किया था और उस पर उन्हें 2 डॉलर पहले ही मिल चुके हैं। उन्हें बहुत पहले नकद बोनस भी मिल चुका है पहले नकद बोनस भी मिला है। ऐसे में उनकी हिस्सेदारी उनके लिए सुपर बोनस है। उन्हें लाभांश मिल रहा है। इंडसइंड होल्डिंग्स ने अभी तक 50 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।’
हिंदुजा बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड के स्वामित्व के बारे में हिंदुजा ने कहा कि दिवंगत एचपी हिंदुजा इसके मालिक थे और यह उनकी वसीयत के हिसाब से ही है।
आईआईएचएल ने रिलायंस कैपिटल के लिए 9,661 करोड़ रुपये नकद की बोली लगाई और जीत गई। कंपनी को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण से जल्द ही इसके अधिग्रहण की मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
हिंदुजा ने कहा कि आईआईएचएल ने रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए 7,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और बाकी पैसे इक्विटी से जुटाए हैं। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने कर्ज नहीं चुका पाने के बाद 2021 में दिवालिया आवेदन किया था। आईआईएचएल और एशिया एंटरप्राइजेज ने इसके अधिग्रहण की बोली जीती है। एशिया एंटरप्राइजेज अशोक हिंदुजा और उनके परिवार के स्वामित्व वाली भारतीय कंपनी है। हिंदुजा ने कहा कि बीमा नियामक के नियमों को यही पूरा करेगी।
खबर थी कि रिलायंस कैपिटल के शेयर आईआईएचएल की बीमा कंपनी को सौंपे जाने पर बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा का उल्लंघन हो सकता है और बीमा नियामक ने इस पर सवाल उठाए हैं। बीमा उद्यम में जापान की निप्पॉन लाइफ की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
हिंदुजा ने कहा कि एशिया एंटरप्राइजेज ने साथ में बोली लगाई है और इसके मालिक भारत के नागरिक हैं। इसीलिए बीमा दिशानिर्देशों के उल्लंघन का सवाल नहीं होता। हिंदुजा ने कहा, ‘शेयरों की खरीद आईआईएचएल की सहायक इकाई और इसमें निवेश करने वाले एक निवेशक द्वारा की गई है। ऐसे में 25 फीसदी इक्विटी है और 75 फीसदी कर्ज है।’
राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट ने इस साल 27 फरवरी को रिलायंस कैपिटल के लिए आईआईएचएल की 9,661 करोड़ रुपये की पेशकश मंजूर कर ली थी और हिंदुजा से सभी मंजूरियां मिलने के तीन महीने के अंदर ऋणदाताओं को भुगतान करने के लिए कहा था। हिंदुजा ने कहा, ‘हम अपेक्षित मंजूरियां मिलने के 24 घंटे के अंदर ऋणदाताओं की रकम चुका देंगे।’
हिंदुजा ने कहा, ‘रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के बाद हम उसकी 250 करोड़ रुपये की रियल एस्टेट संपत्ति बेच देंगे और बीमा, स्वास्थ्य बीमा, ब्रोकिंग तथा संपत्ति पुनर्गठन कारोबार को बढ़ाएंगे।’ उन्होंने कहा कि अधिग्रहण के बाद रिलायंस कैपिटल का ब्रांड भी बदल दिया जाएगा।