हैदराबाद स्थित कंपनी आईसीएसए लिमिटेड जल्द ही ट्रांसमिशन और वितरण (टीऐंडडी) क्षेत्र की दो कंपनियों का अधिग्रहण करने जा रही है, जो अमेरिका और यूरोप में स्थित हैं।
आईसीएसए विद्युत ट्रांसमिशन और वितरण (टीऐंडडी) में हो रहे नुकसान की पहचान कर उन्हें कम करने के लिए तकनीकी आधारित सॉल्यूशन बनाने वाली कंपनी है। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जी बाला रेड्डी का कहना है, ‘हमनें एक प्रमुख मचर्ेंट बैंकर को इस सौदों का काम सौंपा है और हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में कम से कम दो सौदे पूरे हो जाएंगे।’
आईसीएसए की योजना अगले वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम से कम 3 कंपनियों के अधिग्रहण की है। मार्च 2007 को खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी का कुल कारोबार 332 करोड़ रुपये था, जिसमें निर्यात की हिस्सेदारी सिर्फ 5 प्रतिशत रही और इस अधिग्रहण के बाद कंपनी के निर्यात कारोबार में खुद-ब-खुद बढ़ोतरी होगी।
आईसीएसए की योजना प्रत्येक अधिग्रहण पर 80 से 120 करोड़ रुपये खर्च करने की है। गोल्डमैन सैक्स और सिटीग्रुप ने पिछले साल आईसीएसए में लगभग 234 करोड़ रुपये निवेश किए थे और कंपनी की योजना इस आय के हिस्से को अधिग्रहण में लगाने की है। आगे, कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 59 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
सूत्रों का मानना है कि 2007-08 के दौरान, 600 करोड़ रुपये के कुल कारोबार पर कंपनी को 100 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा हो सकता है, जिसे कंपनी खरीद-फरोख्त में भी लगा सकती है। जहां भारत में ट्रांसमिशन और वितरण नुकसान 35 प्रतिशत वार्षिक है, वहीं पश्चिमी देशों में यह नुकसान 8 प्रतिशत है। कंपनी द्वारा विकसित कुछ पेटेंट प्राप्त तकनीकें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विद्युत उपभोक्ताओं के लिए ऑटोमेटेड डाटा जेनरेशन के साथ विद्युत उपयोगिता में मदद करेगी।
आईसीएसऐ का इंटेलीजेंट ऑटोमैटिक मीटर रीडिंग सिस्टम (आईएएमआर), ऊर्जा मीटरों के लिए एक बेतार डाटा एकत्र करने वाला यंत्र है, जो खुद-ब-खुद मासिक बिली बना लेता है और अगर मीटर के साथ कोई छेड़छाड़ हो तो उसका भी खुलासा कर देता है।
कंपनी के अन्य उत्पादों में मल्टीप्लैक्सर यूनिट शामिल है जो एक जगह के 8 से 16 मीटरों का डाटा एकत्र कर सकता है, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर मॉनिटरिंग सिस्टम, सबस्टेशन कंट्रोलर, माइक्रो रिमोट टर्मिनल यूनिट और कंट्रोल सबस्टेशन फीडर्स और बिजली चोरी पकड़ने वाले उपकरण।