डेस्कटॉप ऑफिस सॉफ्टवेयर के बाजार में माइक्रोसॉफ्ट की बादशाहत को आईबीएम ने ललकारा है।
इस जंग में बिल गेट्स की कंपनी को धूल चटाने के लिए आईबीएम ने कुछ दिनों पहले लोटस सिम्फनी को लॉन्च किया है।आईबीएम के इस सॉफ्टवेयर पैकेज में आपको मिलेगा एक वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट्स (माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के एक्सेल की तरह) और एक प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर। मजे की बात यह है कि यह सब कुछ आपको मिलेगा, बिल्कुल मुफ्त।
आईबीएम एशिया पैसेफिक में लोट्स बिजनेस यूनिट के निदेशक एडवर्ड ऑरेंज का कहना है,’चूंकि यह मुफ्त में उपलब्ध है, इसलिए तो लोटस सिम्फनी माइक्रोसॉफ्ट के नए ऑफिस 2007 का काफी बड़ा प्रतिद्वंद्वी है।’ भले ही 95 फीसदी बाजार हिस्सेदारी और 40 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स के साथ माइक्रोसॉफ्ट इस मामले में रेस में मीलों आगे हो, लेकिन आईबीएम भी तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है।
इसके लोटस सिम्फनी सॉफ्टवेयर को चार लाख लोग डॉउनलोड कर चुके हैं। अब तो आईबीएम भारतीय बाजार में दाखिल होने जा रहा है। विश्लेषण करने वाली कंपनी फ्रॉस्ट एंड सुल्लिवान ने उम्मीद जताई है कि भारत में इस तरह के सॉफ्टवेयर का बाजार 2006 के 1.07 करोड़ डॉलर (42.8 करोड़ रुपए) से 2008 में बढ़कर 2.27 करोड़ डॉलर (90.8 करोड़ रुपए) का हो जाएगा।
2010 तक तो इन सॉफ्टवेयरों का बाजार दोगुना होकर 4.17 करोड़ डॉलर (166.8 करोड़ रुपए) का हो जाएगा। आईबीएम के भारत में कंट्री मैनेजर चेतन यरडी का कहना है कि,’भारत में 500 से ज्यादा कर्मचारियों को रखने वाली कंपनियां हमारे लिए टारगेट हैं। हमने अपने सॉफ्टवेयरों की लिस्ट में एक नई तरह का सॉफ्टवेयर बिजनेस सर्वर को शामिल किया है। साथ ही, इंटरनेट के जरिए भी हम सॉफ्टवेयर को लोगों तक पहुंचा रहे हैं।’
कंपनी ने भारत के छोटे कारोबारियों को निशाना पर रखते हुए दो उत्पादों को जल्दी ही बाजार में उतारने की घोषणा की है। यरडी का कहना है कि,’आईबीएम लोट्स फॉउंडेशन सॉफ्टवेयर सर्वरों को हम अपने बिजनेस पार्टनर्स के संग मिलकर बेचेंगे। इसमें एकदम ताजातरीन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जो हमें नेट इटिग्रेशन टेक्नोलॉजिज की खरीद से मिली है। यह सौदा इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा।’