ह्युंडै मोटर इंडिया ने 1 जनवरी, 2025 से अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में 25,000 रुपये तक की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। कच्चे माल की बढ़ती लागत, प्रतिकूल विनिमय दरों और लॉजिस्टिक की अधिक लागत के कारण कीमतों में यह बढ़ोतरी की जा रही हैं। संशोधित कीमत माई25 लाइनअप के सभी मॉडलों पर लागू होगी।
ह्युंडै के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा, ‘ह्युंडै मोटर इंडिया में हमारी कोशिश हमेशा यही रहती है कि बढ़ती लागत को जितना संभव हो सके, उतना वहन किया जाए, ताकि ग्राहकों पर कम से कम असर पड़े। हालांकि इनपुट लागत में लगातार वृद्धि से अब इस लागत वृद्धि का एक हिस्सा हल्के से मूल्य समायोजन के जरिये ग्राहकों पर डालना जरूरी हो गया है।’
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब वाहन उद्योग विभिन्न प्रमुख पुर्जों और जिंसों के बढ़ते खर्चों से जूझ रहा है। इंजन के हिस्सों और हलके वाहन के फ्रेम के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख इनपुट एल्युमीनियम की कीमतों में सालाना आधार पर करीब 10.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
इसी तरह जिंक, टिन और तांबे की कीमतों में क्रमशः 16.5 प्रतिशत, 13.3 प्रतिशत और 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार सीमित वैश्विक आपूर्ति की वजह से रबर की कीमतों में भी करीब 26.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। लॉजिस्टिक खर्चों के बढ़ने से लागत के इस दबाव का असर और ज्यादा हो गया है।
वैश्विक शिपिंग मार्गों, खास तौर पर लाल सागर वाले मार्ग पर बाधा के कारण पिछले साल की तुलना में साल 2024 के दौरान कंटेनर की दरों में इजाफा हुआ है। इसके अलावा मुद्रा के प्रतिकूल उतार-चढ़ाव ने आयातित पुर्जों की लागत को और बढ़ा दिया है।
ह्युंडै की यह कीमत वृद्धि व्यापक उद्योग के रुझानों के अनुरूप है, क्योंकि वाहन विनिर्माता और आपूर्तिकर्ता चुनौतीपूर्ण वित्त वर्ष के लिए कमर कस रहे हैं। इक्रा की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वाहन पुर्जा उद्योग में वित्त वर्ष 25 के दौरान राजस्व में 5 से 7 प्रतिशत की सीमित वृद्धि दिखने के आसार हैं जो वित्त वर्ष 2024 की 14 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में कम है।
बेहतर परिचालन क्षमता तथा अधिक मूल्य संवर्धन की बदौलत परिचालन मार्जिन में मामूली 50 आधार अंक तक का सुधार होने का अनुमान है।
उद्योग क्षमता विस्तार और तकनीक संबंध विकास में निवेश की भी तैयारी कर रहा है। इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 25 में पूंजीगत व्यय 20,000 करोड़ रुपये से लेकर 25,000 करोड़ रुपये के बीच रहेगा और इसका एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के पुर्जों तथा उन्नत प्रौद्योगिकियों के विकास पर खर्च किया जाएगा।