facebookmetapixel
सोना कॉमस्टार ने दुर्लभ खनिज मैग्नेट की गुणवत्ता पर जताई चिंताअदाणी डिफेंस ऐंड एयरोस्पेस ने किया एमटीएआर टेक्नॉलजीज संग करारMSME पर ट्रंप टैरिफ का असर: वित्त मंत्रालय बैंकों के साथ करेगा समीक्षा, लोन की जरूरतों का भी होगा आकलनवैश्विक बोर्डरूम की नजर भारत पर, ऊंची हैं उम्मीदें : डीएचएल एक्सप्रेसTesla और VinFast की धीमी शुरुआत, सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में हिस्सेदारी 1% से भी कमकंपनियां दीवाली पर कर्मचारियों और ग्राहकों को स्वादिष्ट और उपयोगी उपहार देने में दिखा रहीं बढ़त!किर्लोस्कर का औद्योगिक सुधार पर दांव, अरबों डॉलर की राजस्व वृद्धि पर नजरLokah Chapter 1: Chandra ने ₹30 करोड़ बजट में ₹300 करोड़ की कमाई की, दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ाH-1B वीजा पर निर्भर नहीं है TCS, AI और डेटा सेंटर पर फोकस: के कृत्तिवासनदूसरी तिमाही के दौरान प्रमुख सीमेंट कंपनियों की आय में मजबूती का अनुमान

हैदराबाद की मिडवेस्ट एडवांस्ड मटीरियल्स बनेगी देश की पहली दुर्लभ अर्थ मैग्नेट निर्माता, दिसंबर तक शुरू करेगी उत्पादन

मिडवेस्ट एडवांस्ड मटीरियल्स दिसंबर तक भारत का पहला दुर्लभ अर्थ मैग्नेट उत्पादन शुरू करने को तैयार, चीन के निर्यात प्रतिबंधों से उत्पन्न संकट का घरेलू समाधान मिलेगा।

Last Updated- June 08, 2025 | 10:31 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

दुर्लभ खनिज मैग्नेट के मौजूदा संकट का भारत में समाधान हो सकता है। हैदराबाद की कंपनी मिडवेस्ट एडवांस्ड मटीरियल्स (एमएएम) इसी शहर में अपनी 500 टन सालाना क्षमता वाली इकाई से दिसंबर तक देश का पहला दुर्लभ अर्थ मैग्नेट बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी के एक शीर्ष कार्या​धिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को आज इसकी जानकारी दी।

कोल्लारेड्डी परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी कारोबार के एकीकरण के अलावा अपनी क्षमता सालाना 5,000 टन तक बढ़ाने के लिए तीन साल के दौरान 1,000 करोड़ रुपये निवेश करने पर भी विचार कर रही है। मिडवेस्ट लिमिटेड (एमएएम की सहायक इकाई) ने दीर्घाव​धि की योजना के तहत रणनीतिक रूप से श्रीलंका में मोनाजाइट (दुर्लभ खनिज के लिए कच्चा माल) की खदानें हासिल की हैं। मिडवेस्ट लिमिटेड के मुख्य कार्या​धिकारी राम कोल्लारेड्डी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिडवेस्ट लिमिटेड इन खदानों की मालिक है और यह कंपनी जल्द ही 650 करोड़ रुपये का आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी कर रही है।

एमएएम ने मैग्नेट को निकालने और संसाधित करने की तकनीक भी हैदराबाद की नॉन-फेरस मटीरियल्स टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर से हासिल की है। कोल्लारेड्डी ने कहा, ‘दिसंबर तक हम उत्पाद की पहली खेप की आपूर्ति कर सकते हैं। उद्योग को इन उत्पादों का परीक्षण करने में कुछ महीने लग सकते हैं। अभी संयंत्र की क्षमता सालाना 500 टन है। आगे उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती है।’

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा चीन के उत्पादों पर शुल्क बढ़ाए जाने पर चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अप्रैल की शुरुआत में कई दुर्लभ खनिजों और मैग्नेट के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। इससे पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया और कई यूरोपीय वाहन इकाइयों को उत्पादन तक बंद करना पड़ा। भारतीय उद्योग ने भी मैग्नेट के स्टॉक को लेकर चिंता जताई थी। उद्योग ने कहा, ‘मैग्नेट की समस्या हमेशा से थी और हाल ही में शुल्क युद्ध के कारण और बढ़ गई।’ 

कोल्लारेड्डी ने कहा, ‘हम भारत में ज्यादातर वाहन विनिर्माताओं के अलावा पवन च​क्कियों और एमआरआई उपकरण विनिर्माताओं के साथ पहले से ही संपर्क में हैं।’

आईपीओ लाने की तैयारी कर रही मिडवेस्ट लिमिटेड करीब चार दशक से एकीकृत खनन, प्रसंस्करण तथा प्राकृतिक पत्थर और क्वार्ट्ज निर्यात के कारोबार में है। यह ब्लैक गैलेक्सी ग्रेनाइट की सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है जो अपने अनूठे सौंदर्य के लिए मशहूर ग्रेनाइट की एक प्रीमियम किस्म है। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार कुल ब्लैक ग्रेनाइट उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 11 फीसदी है। कंपनी भारत में सबसे बड़ी एकीकृत क्वार्ट्ज उत्पादक है।।

First Published - June 8, 2025 | 10:31 PM IST

संबंधित पोस्ट