देश की सबसे बड़ी दैनिक उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) निर्माता हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने वितरक मार्जिन के ढांचे में बदलाव किया है। इसने परिवर्तन योग्य मार्जिन बढ़ा दिया है और निश्चित मार्जिन कम कर दिया है। जहां कुछ वितरकों का मानना है कि निर्धारित शर्तों को पूरा करना आसान नहीं होगा, वहीं इस क्षेत्र के विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम वॉल्यूम बढ़ाने और वितरण लागत दुरुस्त करने की दिशा में उठाया जा रहा है।
बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा देखे गए दस्तावेज के अनुसार एचयूएल ने अपने वितरकों का निश्चित मार्जिन 3.9 प्रतिशत से घटाकर 3.3 प्रतिशत कर दिया है। कंपनी ने अपने वितरकों के विभिन्न समूहों में परिवर्तन योग्य मार्जिन एक प्रतिशत से लेकर 1.3 प्रतिशत (100 से 130 आधार अंक) के दायरे में बढ़ा दिया है। यह बदलाव उन सभी श्रेणियों में किया गया है, जिनमें कंपनी काम करती है।
एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनियां आम तौर पर चार प्रतिशत से लेकर छह प्रतिशत के दायरे में निश्चित मार्जिन देती हैं, जबकि परिवर्तन योग्य मार्जिन खास उपलबि्ध या प्रदर्शन के मानदंडों पर निर्भर करते हैं।
सामान्य व्यापार वाले वितरकों के मामले में एचयूएल ने परिवर्तन योग्य मार्जिन 0.7 प्रतिशत से बढ़ाकर दो प्रतिशत कर दिया है। गैर-सामान्य व्यापार वाले वितरकों के लिए प्रदर्शन आधारित मार्जिन 0.4 प्रतिशत से बढ़कर 1.7 प्रतिशत हो गया है। कंपनी ने गैर-सामान्य व्यापार वाली वितरक श्रेणी के अंतर्गत आने वाले वितरकों के अन्य समूह के लिए परिवर्तन योग्य भुगतान 1.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.1 प्रतिशत कर दिया है।
एफएमसीजी क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी ने इस साल 20 अक्टूबर से चार से पांच शहरों में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी और फिर एक महीने बाद 20 नवंबर को इसे 100 शहरों में लागू कर दिया। शहरों के इस समूह को ‘भारत के शहर’ कहा गया है।
एक सूत्र के मुताबिक कंपनी अगले वित्त वर्ष की शुरुआत तक देश में अपने सभी वितरकों के लिए यह नया मार्जिन ढांचा लागू करने की योजना बना रही है।
एचयूएल ने ईमेल के जवाब में बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि वह फिलहाल अक्टूबर-दिसंबर के अपने परिणाम से पहले समापन के दौर में है और इस सवाल का जवाब नहीं दे सकती।
परिवर्तन योग्य ढांचे के तहत कुछ ऐसे मानदंड हैं, जिन्हें वितरकों को प्रोत्साहन हासिल करने के लिए पूरे करने होंगे। इन मानदंडों में थोक विक्रेताओं/खुदरा विक्रेताओं द्वारा दिए गए 60 प्रतिशत ऑर्डर को 24 घंटे के भीतर वितरित करना और खुदरा विक्रेताओं/थोक विक्रेताओं को कंपनी के शिखर ऐप के जरिये ऑर्डर शामिल हैं।
एक वितरक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नई मार्जिन संरचना अभी लागू की गई है और इसे पूरा करना आसान नहीं लग रहा है।