भारत में रियल एस्टेट सेक्टर अब न सिर्फ कोविड महामारी से उबर चुका है बल्कि तेज रफ्तार से दौड़ने भी लगा है। क्रेडाई-कोलियर्स- लायसेस फोरस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मजबूत मांग व खर्च बढ़ने से 8 प्रमुख शहरों में मकान की कीमतों में 8 फीसदी का इजाफा हुआ है। दिल्ली-NCR में घरों की कीमतों में सबसे अधिक 16 फीसदी की वृद्धि देखी गई। इसके बाद कोलकाता में 15 फीसदी और बेंगलूरु में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
देश के 8 प्रमुख शहरों में घर खरीदने का सपना अब और महंगा हो गया है। क्रेडाई-कोलियर्स- लायसेस फोरस हाउसिंग प्राइस ट्रैकर रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 की पहली तिमाही में मकान की कीमतों में 8 फीसदी इजाफा हुआ है। दिल्ली-NCR में सालाना आधार पर कीमतें 16 फीसदी, कोलकाता में 15 फीसदी, बेंगलूरु में 14 फीसदी, हैदराबाद में 13 फीसदी, पुणे और अहमदाबाद में 11 फीसदी तक बढ़ीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-NCR में आवास की कीमतें पिछली 11 तिमाहियों में लगातार बढ़ी हैं। विशेष रूप से द्वारका एक्सप्रेसवे में 59 फीसदी की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जिसका मुख्य कारण सेंट्रल पेरिफेरल रोड और द्वारका एक्सप्रेसवे को NH- 8 से जोड़ने वाला लूप था। गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स रोड पर आवास की कीमतें भी सालाना आधार पर 42 फीसदी बढ़ीं।
रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्फ कोर्स रोड माइक्रो मार्केट में मकान की संशोधित कीमतें अब इस क्षेत्र में सबसे अधिक है। इससे पहले दिल्ली के माइक्रो मार्केट की आवास कीमतें अब तक सबसे अधिक थी। महामारी से पहले के स्तर की तुलना में इस क्षेत्र में बिना बिके मकानों की संख्या में 38 फीसदी की गिरावट आई है, जो देश के टॉप 8 शहरों में सबसे अधिक है।