वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के दौरान टाटा स्टील (Tata Steel) के मामले में कई कारक काम कर रहे थे, जैसे ब्रिटेन में पुनर्गठन, कलिंग नगर में विस्तार और बाजार के कमजोर हालात।
ऑडियो साक्षात्कार में टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी टीवी नरेंद्रन ने ईशिता आयान दत्त को बताया कि कई तरह से यह सबसे खराब रही, लेकिन तीसरी तिमाही भी चुनौतियों के साथ आई है। प्रमुख अंश …
सस्ता आयात और वैश्विक बाजार में नरमी का आपके भारतीय और यूरोपीय परिचालन पर दबाव पड़ रहा है। दिसंबर तिमाही के लिए क्या परिदृश्य है?
हम अभी भी मुश्किलों से बाहर नहीं निकले हैं। हम अब भी बाजार के काफी चुनौतीपूर्ण हालात में हैं। हमने अनुमान लगाया है कि भारत में प्राप्तियां दूसरी तिमाही की तुलना में तीसरी तिमाही के दौरान प्रति टन करीब 2,000 रुपये कम होंगी।
ब्रिटेन में हम प्रति टन करीब 50 से 55 पाउंड नीचे और नीदरलैंड में प्रति टन करीब 70 पाउंड कम रहेंगे। लागत के मामले में भारत में कोकिंग कोल की कीमत प्रति टन लगभग 20 डॉलर कम रहेगी और नीदरलैंड में यह प्रति टन करीब 10 डॉलर कम रहेगी। इसलिए तीसरी तिमाही में मार्जिन पर अब भी दबाव है। मुझे उम्मीद है कि आगे चलकर चीजें बेहतर होंगी।
ब्लास्ट फर्नेस बंद होने के बावजूद ब्रिटेन में घाटा बढ़ गया है। आपको कब बदलाव होने की उम्मीद है?
कुछ लागतें ऐसी हैं, जो ब्लास्ट फर्नेस बंद होने पर कम हो जाती हैं। मिसाल के तौर पर हैवी एंड में रखरखाव का खर्च। लेकिन निश्चित लागत का एक बड़ा हिस्सा लोगों से जुड़ा हुआ था। स्वैच्छिक और अनिवार्य छंटनी पर काम चल रहा है। अगले 18 महीने के दौरान हमें कर्मचारियों की संख्या में 2,500 तक की कमी करनी है। तकरीबन 2,000 लोगों ने स्वैच्छिक छंटनी का विकल्प चुना है।
कानूनी रूप से निर्धारित प्रक्रिया है, जो चल रही है। हमें उम्मीद है कि मार्च तक करीब 1,800 कर्मचारी कम हो जाएंगे। ऐसा होने पर ब्रिटेन में निश्चित लागत कम हो जाएगी।
क्या आप ऐसा कहना चाह रहे हैं कि अब आपका सबसे बुरा समय बीत चुका है?
हां। जब तक कि इस्पात के दाम और कम नहीं हो जाते, जो हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन इस्पात के मौजूदा दामों पर यह सबसे खराब स्थिति है।
पिछले एक साल में आपका सकल ऋण करीब 89,723 करोड रुपये से बढ़कर 99,392 करोड़ रुपये हो चुका है। क्या इससे आपके पूंजीगत व्यय की वृद्धि पर दबाव बनने वाला है?
कई वजहों से यह संभावित रूप से शीर्ष बिंदु है। एक कारण यह है कि हम कलिंगनगर पर ज्यादा से ज्यादा खर्च कर रहे हैं, क्योंकि हम परियोजना के आखिर तक आ गए हैं। लेकिन हमें अब भी वॉल्यूम का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि ब्लास्ट फर्नेस अब भी चालू हुआ है। अगली कुछ तिमाहियों में आप देखेंगे कि कलिंगनगर में व्यय का फायदा नकदी प्रवाह के लिहाज से हमें वापस मिलने लगा है।
नीदरलैंड के परिचालन के मामले में पिछला साल कम से कम हमारे इतिहास में तो सबसे खराब साल रहा। अब यह परिचालन सामान्य हो गया है, लेकिन बाजार बहुत अच्छा नहीं हैं और ब्रिटेन में हम पुनर्गठन के दौर से गुजर रहे हैं।