हाल ही के दिनों में अदाणी ग्रुप को लेकर रिपोर्ट लाने वाले हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब एक और ‘बड़ी रिपोर्ट’ जल्द लाने की बात कही है। शॉर्ट सेलिंग फर्म ने एक ट्वीट में कहा कि जल्द ही एक बड़ी रिपोर्ट आ रही है।
बता दें, हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट के चलते भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी को शेयर बाजार में भारी नुकसान हुआ था। इस रिपोर्ट के बाद से अदाणी ग्रुप को काफी नुकसान भी हुआ था।
क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?
फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च करने वाली हिंडनबर्ग एक अमेरिकी कंपनी है। ये इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। 38 साल के नाथन एंडरसन ने इसकी स्थापना की थी। कंपनी का नाम 1937 में हुए हिंडनबर्ग हादसे पर रखा गया है। इस हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई थी।
हिंडनबर्ग एक जर्मन एयर स्पेसशिप था। जो आग लगने की वजह से ये तबाह हो गया था। रिसर्च कंपनी का मानना है कि चूंकि हाइड्रोजन के गुब्बारों में पहले भी हादसे हो चुके थे, ऐसे में यह हादसा टाला जा सकता था।
कंपनी दावा करती है कि हिंडनबर्ग हादसे की तर्ज पर ही वो शेयर बाजार में हो रहे गोलमाल और गड़बड़ियों पर नज़र रखते हैं। कंपनी कहती है कि ऐसी फाइनेंशियल गड़बड़ियों को सामने लाना ही इसका उद्देश्य है।
हिंडनबर्ग के अनुसार वह किसी भी कंपनी के मैनेजमेंट में शामिल बैड एक्टर्स पर विशेष जोर देती है. उसका फोकस ऐसे सोर्स पर काम करना होता है, जिस पर शायद ही किसी की नजर जाती है, और वह टिपिकल सोर्सेस से जानकारी जुटाकर रिसर्च रिपोर्ट सामने रखती है।
कंपनी का दावा है कि वो खास तौर पर अकाउंटिंग में गड़बड़ियां, अवैध तरीके या फिर अनैतिक तरीके से बिजनेस करने वाली कंपनियों को सामने लाती है। हिंडनबर्ग रिसर्च की वेबसाइट की मुताबिक दशकों से कंपनी फोरेंसिक वित्तीय रिसर्च में की फील्ड में काम कर रही है।
पहले भी कई रिपोर्ट्स को लेकर चर्चा में रहा हिंडनबर्ग
अदाणी समूह कोई पहला नहीं है जिसपर अमेरिकी फर्म ने रिपोर्ट जारी की है। इससे पहले इसने अमेरिका, कनाडा और चीन की करीब 18 कंपनियों को लेकर अलग अलग रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके बाद काफी घमसान मचा। ज्यादातर कंपनियां अमेरिका की ही थीं, जिनपर अलग-अलग आरोप लगे।
हिंडनबर्ग की सबसे चर्चित रिपोर्ट अमेरिका की ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी निकोला को लेकर रही। इस रिपोर्ट के बाद निकोला के शेयर 80 फीसदी तक टूट गए थे। निकोला को लेकर जारी रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर और पूर्व कर्मचारियों की मदद से कथित फर्जीवाड़े को उजागर किया गया था।