आदित्य बिड़ला समूह की इकाई हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ने अगले पांच साल के दौरान अपने विकास की योजना बनाई है। इसे 10 अरब डॉलर के ‘प्रतिबद्ध वैश्विक निवेश’ का समर्थन प्राप्त है ताकि भारतीय और वैश्विक परिचालन (नोवेलिस के जरिये) दोनों में ही एल्युमीनियम, तांबा और विशेष एल्युमिना में अपनी मूल्य श्रृंखला को बढ़ावा दिया जा सके।
कंपनी की 66वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि विस्तार का यह अभियान कंपनी के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम कारोबारों को मज़बूत करेगा और साथ ही हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को भारत के औद्योगिक विकास में अग्रणी स्थान दिलाएगा। भारत में कंपनी एल्युमीनियम और कॉपर स्मेल्टिंग में बड़े निवेश के जरिये अपस्ट्रीम क्षमताओं को दोगुना कर रही है।
बिड़ला ने कहा कि कंपनी की तांबा श्रेणी में दहेज में 3,00,000 टन क्षमता वाले स्मेल्टर का विस्तार कार्य चल रहा है। इसके पूरा होने पर यह चीन के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा तांबा गलाने वाला परिसर बन जाएगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब शहरीकरण, डिजिटलीकरण, अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल और इलेक्ट्रिक वाहनों के कारण भारत में तांबे की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा कंपनी आदित्य में अपने एल्युमीनियम स्मेल्टर का सालाना 1,80,000 टन तक विस्तार कर रही है।