एचसीएल टेक्नॉलजीज ने दूसरी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 4,235 करोड़ रुपये की स्थिर शुद्ध मुनाफा दर्ज किया। हालांकि वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी कारोबार वाले वर्टिकल की मदद से आय 10.7 फीसदी बढ़कर 31,492 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
इससे भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा निर्यातक कंपनी को अपने अनुमान के निचले स्तर को बढ़ाने में भी मदद मिली। एचसीएल को अब पूरे वर्ष के लिए स्थिर मुद्रा के लिहाज से 4-5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है, जो जुलाई में उसके द्वारा अनुमानित 3-5 फीसदी से अधिक है। डॉलर के आधार पर राजस्व में सालाना आधार पर 5.8 फीसदी की वृद्धि हुई तथा स्थिर मुद्रा के आधार पर 4.6 फीसदी का इजाफा हुआ, जिसमें मुद्रा की गतिशीलता की अस्थिरता को शामिल नहीं किया गया है, जिस पर कंपनियों का कोई नियंत्रण नहीं होता।
कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक सी विजयकुमार ने कहा, हमारी एआई रणनीति, सेवाओं और सॉफ्टवेयर के वर्टिकल लाइन और बौद्धिक संपदा पर आधारित है। पिछले कुछ वर्षों में हमने आईपी निर्माण, साझेदारियों को गहरा करने और एआई की प्रायोगिक परियोजना से एआई मुद्रीकरण की ओर बढ़ते हुए अपनी बाजार रणनीति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण निवेश किया है।
एचसीएल ने यह भी खुलासा किया कि उन्नत एआई से उसका राजस्व अब 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा हो गया है, जो उसके कुल राजस्व का तीन प्रतिशत है। इस तरह, यह आंकड़ा जारी करने वाली यह पहली भारतीय आईटी सेवा कंपनी बन गई है। एक्सेंचर नियमित रूप से जेनरेटिव एआई से अपने राजस्व और ऑर्डर प्रवाह का ब्यौरा सार्वजनिक करती है।
एचसीएल के लिए एडवांस्ड एआई एक ऐसे समूह का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें उद्योग एआई समाधान, एआई इंजीनियरिंग, एजेंटिक एआई, फिजीकल एआई, एआई फैक्टरी और यहां तक कि एआई के लिए इसके मालिकाना आईपी भी शामिल हैं। इसमें पारंपरिक एआई, मशीन लर्निंग और रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) तकनीकें शामिल नहीं हैं।
दूसरी तिमाही में कंपनी का कुल अनुबंध मूल्य (टीसीवी) लगभग 2.6 अरब डॉलर रहा, जिसमें सेवा क्षेत्र, कार्यक्षेत्र और भौगोलिक क्षेत्र शामिल हैं, लेकिन कोई बड़ा सौदा नहीं हुआ।