facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

जीटीएल के प्रमोटर बढ़ाएंगे हिस्सेदारी

Last Updated- December 05, 2022 | 9:23 PM IST

विभिन्न दूरसंचार कंपनियों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने वाली प्रमुख कंपनी जीटीएल के प्रमोटर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी फिर बढ़ाने जा रहे हैं।


प्रमोटर कंपनी ग्लोबल होल्डिंग कॉरपोरेशन ने हिस्सेदारी में 5 फीसदी इजाफे का फैसला किया है।ग्लोबल होल्डिंग इसके अलावा अपनी नॉलेज प्रॉसेस औैर बिजनेस प्रॉसेस क्षेत्र की कंपनी ग्लोबल प्रोसर्र्व को भी इस साल के अंत तक बेचने की योजना बना रही है।


कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज तिरोड़कर ने बताया, ‘ग्लोबल होल्डिंग चालू वित्त वर्ष में जीटीएल में अपनी हिस्सेदारी 5 फीसदी बढ़ा लेगी। इसके लिए प्रमोटर समूह ही वित्त का इंतजाम करेगा। कुछ कंपनियों के अधिग्रहण के बारे में भी सोचा जा रहा है। लेकिन यह बाजार के हालात और कंपनियों की कीमत से ही तय होगा।’


इससे पहले इसी साल 28 मार्च को ग्लोबल होल्डिंग ने खुले बाजार से शेयर खरीदकर जीटीएल में अपनी हिस्सेदारी में 1.61 फीसदी का इजाफा किया था। इसके साथ ही कंपनी में उसकी 40 फीसदी हिस्सेदारी हो गई थी।माना जा रहा है कि इसके लिए समूह ने लगभग 39 करोड़ रुपये खर्च किए।इससे पहले 19 मार्च 2008 को भी समूह ने कंपनी में 2.69 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी।


कंपनी ने नॉलेज प्रॉसेस और बिजनेस प्रॉसेस क्षेत्र की अपनी कंपनियों को भी पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बना दिया है।इन्हें बेचने की योजना दरअसल कंपनी के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से धीरे-धीरे अलग होने के अभियान का ही हिस्सा है।

First Published - April 14, 2008 | 2:06 AM IST

संबंधित पोस्ट