इनमोबी के स्वामित्व वाली ग्लांस 20 से 25 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए अमेरिका और जापान के कुछ निवेशकों से बातचीत कर रही है। हाल में कंपनी के वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म रोपोसो ने भी वृद्धि हासिल की है।
एक सूत्र ने कहा, ‘बातचीत काफी बढ़ चुकी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो बातचीत काफी अच्छे मूल्यांकन पर चालू तिमाही में पूरी होने की उम्मीद है।’ इनमोबी के एक प्रवक्ता ने इस बारे में कुछ कहने से मना कर कर दिया।
ग्लांस इनमोबी की सहायक कंपनी है। इसने अब तक एक चरण में 4.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। यह पूंजी वृद्धि के चरण में निवेश करने वाली कंपनी मिथरिल कैपिटल से जुटाई गई थी, जिसकी स्थापना सिलिकॉन वैली के निवेशकों पीटर थाइल और अजय रोयान ने की थी। गौरतलब है कि इनमोबी देश में सबसे पहले यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त करने वाली कंपनियों में से एक थी। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘असल में नए चरण से रोपोसो में हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाने में
मदद मिलेगी, जिसमें मार्केटर्स और विज्ञापनदाताओं ने पहले ही तगड़ी रुचि दिखाई है।’
इनमोबी ने पिछले साल दिसंबर में रोपोसो का अधिग्रहण किया था। रोपोसो वीडियो शेयरिंग ऐप है, जो टिकटॉक का प्रतिस्पर्धी है। सरकार के जून के आखिर में चीन के 59 ऐप पर रोक लगाने के बाद यह तेजी से बढ़ रहा है। रोक के ठीक बाद इसके दैनिक डाउनलोड 60 लाख पर पहुंच गए। इस यूनिकॉर्न स्टार्टअप के संस्थापक और सीईओ नवीन तिवारी ने पहले बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ अपने साक्षात्कार में कहा था कि रोपोसो में अल्प समय में भारी वृद्धि हुई है, इसलिए कंपनी उसमें हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाने की तैयारी कर रही है।
रोपोसो के सह-संस्थापक कौशल शुभांक ने कहा, ‘कुछ सप्ताह पहले दिन भर में हमारे जितने सक्रिय यूजर होते थे, उतने पिछले 30 मिनट में हैं।’ आज यह ऐप 8 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड हो चुका है।
चिंगारी और रिजल जैसे अन्य वीडियो और ऑडियो कंटेंट ऐप प्ले स्टोर पर तेजी से बढ़ रहे हैं। इनकी भी धन जुटाने की बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है।
शॉर्ट वीडियो ऐप चिंगारी पहले ही ब्लूम वेंचर्स और अन्य से से सीड राउंड के तहत 13 लाख डॉलर जुटा चुका है। यह अगले महीने तक सीरीज-ए चरण के तहत एक करोड़ डॉलर जुटाने के लिए अमेरिका के तीन निवेशकों के साथ बातचीत कर रहा है। चिंगारी के सह-संस्थापक और सीईओ सुमित घोष ने कहा, ‘हमने यह पूरा आकर्षक पिछले एक महीने में देखा है। पहले वीसी की निवेश में रुचि नहीं थी। जून में चीन के ऐप पर रोक लगने के बाद हमने तगड़ी मार्केटिंग की है।’
