जर्मनी की कंपनी सीमेंस एजी अपनी भारतीय इकाई सीमेंस लिमिटेड में 18 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाएगी। कंपनी यह हिस्सेदारी सीमेंस एनर्जी से 2.1 अरब यूरो में हासिल करेगी। समझौते के तहत भारतीय इकाई के ऊर्जा कारोबार को एक अलग कंपनी के तौर पर सूचीबद्ध कराने की भी योजना है।
वित्तीय संकट झेल रही सीमेंस एनर्जी को इस सौदे से भारत में सूचीबद्ध इकाई में अपनी हिस्सेदारी के बदले तत्काल नकदी मिल जाएगी। मूल कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि सीमेंस एजी 2.1 अरब यूरो के नकद सौदे में सीमेंस लिमिटेड इंडिया की 18 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए सीमेंस एनर्जी के साथ शेयर खरीद समझौता करेगी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे जाने पर भारतीय इकाई ने कहा कि भारत में सूचीबद्ध कंपनी सीमेंस का बोर्ड उचित समय पर सीमेंस एजी और सीमेंस एनर्जी के प्रस्तावों पर विचार करेगा। इन प्रस्तावों में कहा गया है कि सीमेंस लिमिटेड में सीमेंस एनर्जी से अतिरिक्त 18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी जाएगी और कंपनी के ऊर्जा कारोबार को अलग कंपनी के तौर पर सूचीबद्ध कराया जाएगा।
अलग की गई कंपनी सूचीबद्ध हो गई तो सीमेंस एनर्जी को उसमें नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी हासिल करनी होगी।
सीमेंस एजी ने कहा, ‘कारोबार को अलग करने की प्रक्रिया 2025 में पूरी करने की योजना है जो पिछली योजना से काफी पहले होगी।’ जून 2023 में समाप्त तिमाही में ऊर्जा इकाई ने कंपनी के 4,873.2 करोड़ रुपये के कुल राजस्व में 31 फीसदी का योगदान दिया। इस दौरान कारोबार में उसका योगदान 33 फीसदी रहा।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी के ऊर्जा कारोबार को किस कीमत पर अलग किया जाएगा।
प्रवर्तक कंपनियों को कारोबारी इकाइयां बेचने के पिछले प्रयास शेयरधारकों की अधिक कीमत की मांग के कारण परवान नहीं चढ़ पाए हैं। जुलाई में कंपनी के शेयरधारकों ने जर्मनी की मूल कंपनी को कम वोल्टेज वाले मोटर एवं गियर वाले मोटर का कारोबार बेचने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था।
प्रस्तावित 2.1 अरब यूरो के लेनदेन के बाद सीमेंस लिमिटेड इंडिया में सीमेंस एजी की हिस्सेदारी मौजूदा 51 फीसदी से बढ़कर 69 फीसदी हो जाएगी। साथ ही सीमेंस लिमिटेड इंडिया में सीमेंस एनर्जी की हिस्सेदारी मौजूदा 24 फीसदी से घटकर 6 फीसदी रह जाएगी। कंपनी में प्रवर्तकों की कुल हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं होगा।
सीमेंस एनर्जी को अपनी भारतीय इकाई में हिस्सेदारी के बदले मूल कंपनी सीमेंस एजी से नकदी मिलने के कारण काफी राहत मिलेगी। कंपनी को विंड टरबाइन कारोबार में काफी नुकसान से जूझना पड़ रहा है। सीमेंस एजी ने कहा कि यह सौदा पांच कारोबारी सत्रों के वॉल्यूम-वेटेड औसत मूल्य से 15 फीसदी कम भाव पर किया जा रहा है।
सीमेंस एजी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) रोलैंड बुश ने कहा, ‘हमने साथ मिलकर ऐसा समाधान तैयार किया है जो सभी पक्षों के सर्वोत्तम हित में है। यह भारत में सीमेंस और सीमेंस एनर्जी के अलग होने की प्रक्रिया को रफ्तार देगा। तत्काल नकदी प्रवाह के अलावा हम ग्राहक गारंटी के लिए एक अतिरिक्त लाइन भी तैयार कर रहे हैं जो सीमेंस एनर्जी के भविष्य की स्थिरता और वृद्धि को रफ्तार देने में योगदान करेगी।’
सीमेंस लिमिटेड का शेयर आज 2.26 फीसदी की बढ़त के साथ 3,495.35 रुपये पर बंद हुआ।