तलेगांव कारखाना बंद करने के जनरल मोटर्स इंडिया के प्रयासों को अदालत से मजबूती मिली है। बंबई उच्च न्यायालय ने इस मामले में दायर जनरल मोटर्स कर्मचारी संघ की दो याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिकाओं में औद्योगिक पंचाट के आदेश को चुनौती दी गई थी। औद्योगिक पंचाट ने जनरल मोटर्स को तलेगांव संयंत्र बंद करने की इजाजत दी थी।
उच्च न्यायालय ने पंचाट के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें 2021-22 तक 9,656.87 करोड़ रुपये के संचयी नुकसान को देखते हुए जनरल मोटर्स को संयंत्र बंद करने की इजाजत दी गई थी। न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने जनरल मोटर्स कर्मचारी यूनियन की दो याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें औद्योगिक पंचाट के 9 जनवरी, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी।
जनरल मोटर्स इंडिया ने इस मसले पर टिप्पणी नहीं की। कंपनी ने 8,500 करोड़ रुपये के संचयी नुकसान के चलते गुजरात में हलोल संयंत्र बंद करने का फैसला 2017 में लिया था और वह तलेगांव संयंत्र का इस्तेमाल भारत से वाहनों के निर्यात के लिए कर रही थी।
हलोल संयंत्र की बिक्री चीन की एसएआईसी मोटर कॉर्प को कर दी गई। कंपनी ने इसके बाद इस संयंत्र की बिक्री चीन की ग्रेट वॉल मोटर्स को करने की कोशिश की, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा। जीएम इंडिया ने 20 नवंबर, 2020 को महाराष्ट्र सरकार के पास आवेदन कर तलेगांव संयंत्र बंद करने की अनुमति मांगी थी जहां निर्यात करने के लिए हैचबैक बीट बनाई जा रही थी। महाराष्ट्र सरकार ने यह मामला मार्च, 2021 में औद्योगिक पंचाट को भेज दिया था।