facebookmetapixel
बिहार विधानसभा चुनाव का असर: श्रमिकों की कमी से ठिठका उद्योग-जगत का पहियाडीएलएफ की बिक्री में उछाल, लेकिन नई लॉंचिंग से ही कायम रह पाएगी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट ने कहा– AGR मामले का आदेश सिर्फ वोडाफोन आइडिया पर ही होगा लागूSBI का मुनाफा 10% बढ़कर ₹20,160 करोड़, येस बैंक में हिस्सेदारी बिक्री से हुआ फायदाEditorial: इन्वेंटरी आधारित ईकॉमर्स में एफडीआई को मिले इजाजतकिसकी नैया पार लगाएंगे मल्लाह! राजग और महागठबंधन दोनों धड़े कर रहे हर मुमकिन कोशिशविचारों से उद्योग तक: रिसर्च लैब्स कैसे दे सकती हैं भारत की ‘ग्रीन फ्रंटियर’ को गतिअसंगठित उपक्रमों का जाल: औपचारिक नौकरियों की बढ़ोतरी में क्या है रुकावट?मेटा-व्हाट्सऐप मामले में सीसीआई का आदेश खारिजदिग्गज कारोबारी गोपीचंद हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में निधन, उद्योग जगत ने दी श्रद्धांजलि

भारत के 12 फीसदी मसाले क्वालिटी और सुरक्षा मानकों में फेल, FSSAI जांच के बाद कंपनियों पर ले रही एक्शन

RTI के तहत रॉयटर्स द्वारा प्राप्त डेटा से पता चलता है कि मई और जुलाई की शुरुआत के बीच परीक्षण किए गए 4,054 नमूनों में से 474 गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे।

Last Updated- August 18, 2024 | 10:14 PM IST
भारत के 12 फीसदी मसाले क्वालिटी और सुरक्षा मानकों में फेल, FSSAI जांक के बाद कंपनियों पर ले रही एक्शन Nearly 12% of India's tested spice samples fail quality, safety standards

विभिन्न देशों द्वारा मसालों में मिलावट के जोखिम के लिए उठाए गए कदमों के बाद भारतीय अधिकारियों द्वारा जांच के लिए एकत्रित नमूने में से करीब 12 फीसदी मसाले गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे। रॉयटर्स द्वारा प्राप्त परीक्षण के आंकड़ों के आधार पर यह जानकारी मिली है।

इस साल अप्रैल में एमडीएच और एवरेस्ट ब्रांड के मसालों में मिलावट होने की शिकायत पर हॉन्गकॉन्ग ने कुछ मसालों की बिक्री रोक दी थी, जिसके बाद भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मसाला मिश्रणों की जांच के लिए नमूने एकत्रित किए थे। हॉन्कॉन्ग के बाद ब्रिटेन ने भी भारत से सभी मसालों के आयात पर सख्ती दिखाई और न्यूजीलैंड, अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वे ब्रांडों के साथ संबंधित मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं।

दूसरी तरफ, एमडीएच और एवरेस्ट ने कहा था कि उनके उत्पाद उपभोग के लिए सुरक्षित हैं। उनके मसाले भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं और भारत दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक, उत्पादक और उपभोक्ता देश है। यहां के मसाले यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका तक बेचे जाते हैं।

सूचना के अधिकार कानून के तहत रॉयटर्स द्वारा प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि मई से जुलाई महीने की शुरुआत के बीच जांचे गए मसालों के 4,054 नमूनों में 474 नमूने गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे।

एफएसएसएआई ने बयान जारी कर रॉयटर्स से कहा कि उनके द्वारा परीक्षण किए गए मसालों के ब्रांड के मुताबिक कोई खराबी नहीं है मगर मानक पर खरे न ठहरने वाले मसालों की कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। भारतीय कानून के तहत दंड के प्रावधानों का जिक्र करते हुए बयान में कहा गया है, ‘मानक के अनुरूप न रहने वाले नमूनों पर कार्रवाई तय की जा रही है।’

रॉयटर्स ने परीक्षण में विफल रहने वाले नमूनों की जानकारी मांगी मगर एफएसएसएआई ने कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट मौजूद नहीं है। जॉयन मार्केट रिसर्च के मुताबिक, साल 2022 में भारत का घरेलू मसाला बाजार 10.44 अरब डॉलर का था। मार्च में समाप्त हुए वित्त वर्ष में मसालों और मसाला उत्पादों का निर्यात रिकॉर्ड 4.46 अरब डॉलर का था।

First Published - August 18, 2024 | 5:08 PM IST

संबंधित पोस्ट