भारत की तेल उत्खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ओएनजीसी की दाहेज में लगने वाली मेगा पेट्रोकेमिकल कॉमप्लैक्स ओएनजीसी पेट्रो एडिशंस लिमिटेड (ओपाल) के शुरू हो गई है।
परियोजना के शुरू होते ही इसकी इक्विटी में भागीदारी के लिए ओएनजीसी के पास दर्जन भर कंपनियों की लाइन लग गई है। लगभग 12,500 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में इक्विटी के लिए देश की कैमिकल और पेट्रोकैमिकल कंपनियों के साथ ही जैपनीस पॉली प्रोपाइलीन (जेपीपी), जर्मनी की हानुआ कैमिकल्स, इनीओज ग्रुप,डच पेट्रोकैमिकल दिग्गज बसेल ग्रुप, जापान की मित्सुबिशी केमिकल्स और मित्सुई केमिकल्स भी इसके लिए कतार में हैं।
एलएनजी के सूत्रों के अनुसार ओपाल पेट्रोनेट एलएनजी (पीएलएल) के साथ लंबी अवधि के लिए सालाना 50 लाख मीट्रिक टन गैस की आपूर्ति का करार करने पर विचार कर रही है। ओपाल ने इक्विटी पार्टनर ढूंढने के लिए रोथशिल्ड और एबीएन एमरो की सहायता ले रही है। सूत्रों के अनुसार इसके अलावा कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन समेत कुछ तेल कंपनियों से भी बातचीत कर रही है। पश्चिम एशिया के क्यूआईपी समूह समेत विदेशी वित्तीय संस्थान भी इस परियोजना को काफी गंभीरता से ले रहे हैं।
ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अभी कंपनी कई कंपनियों से इस बारे में बातचीत कर रही है। अगले दो महीनों में कंपनी इस परियोजना में पार्टनर कंपनियों की घोषणा कर देगी। इस परियोजना में ओएनजीसी के पास 26 फीसदी इक्विटी और ओपाल में एक संयुक्त उपक्रम जीएसपीसी के पास 5 फीसदी इक्विटी रहेगी। ओपाल अभी सहयोगियों की गिनती का आकलन कर रही है। कंपनी चाहती है कि बाकी सभी सहयोगियों के पास26 फीसदी से कम शेयर ही रहे। यह संयंत्र दाहेज विशेष आर्थिक क्षेत्र (डीएसएल) में शुरू होने वाली पहली परियोजना है।