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FMCG उद्योग को उम्मीद, मात्रा और मार्जिन के लिहाज से अच्छा रहेगा 2023

FMCG कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि 2023 का साल उनके लिए कुछ बेहतर साबित होगा और वे मार्जिन के साथ-साथ मात्रा के मोर्चे पर भी बढ़ोतरी दर्ज करेंगी।

Last Updated- December 27, 2022 | 11:53 AM IST
FMCG उद्योग की ग्रामीण खपत मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्र से ज्यादा रही, FMCG industry sees 6.5% growth; rural demand surpasses urban: NielsenIQ

दाम को स्थिर रखते हुए उत्पाद के पैकेट के आकार को छोटा कर मात्रा में कमी करना (Shrinkflation) ऐसी चीज है, जो देश में पहले कभी देखने को नहीं मिली थी। लेकिन यूक्रेन में युद्ध के बाद कच्चे माल की कीमतों में जोरदार उछाल के बीच रोजाना के उपभोग का सामान (FMCG) बनाने वाली कंपनियों ने कुछ इसी तरह का रुख अपनाना है।

इसकी वजह यह है कि FMCG कंपनियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि मांग में जो कमजोर सुधार है, वह पूरी तरह थम नहीं जाए। कच्चे माल की लागत बढ़ने के बीच जब FMCG कंपनियों के पास सारे विकल्प समाप्त हो गए। इसके चलते इस क्षेत्र की कंपनियों ने दाम बढ़ाना शुरू किया।

FMCG कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि 2023 का साल उनके लिए कुछ बेहतर साबित होगा और वे मार्जिन के साथ-साथ मात्रा के मोर्चे पर भी बढ़ोतरी दर्ज करेंगी। विशेषरूप से इन कंपनियों को जिंस कीमतों में कमी के बीच ग्रामीण क्षेत्र की मांग में सुधार की उम्मीद है।

FMCG कंपनियां ‘सतर्क के साथ आशान्वित’ भी हैं। उन्हें उम्मीद है कि ग्रामीण बाजार (Rural market) एक बार फिर सुधार की राह पर आएगा। उनकी कुल बिक्री में एक-तिहाई हिस्सा ग्रामीण बाजार का है। अच्छी फसल, सरकारी समर्थन और कृषि आय में सुधार से ग्रामीण बाजार की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

FMCG क्षेत्र की मांग जिस समय सुधर रही थी, तो यूक्रेन युद्ध ने जिंस (Commodity) कीमतों के दाम चढ़ा दिए। कच्चे माल की ऊंची लागत से निपटने के लिए कई FMCG कंपनियों ने कीमत में बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने अपने उत्पादों के पैकेट और वजन को घटा दिया। इसे ‘Shrinkflation’ कहा जाता है। इसका मतबल है कि उपभोक्ताओं को कम उत्पाद के लिए समान या पुरानी कीमत का भुगतान करना पड़ रहा है।

कोविड संक्रमण कम होने और इकोनॉमी के खुलने के साथ 2022 की अंतिम तिमाही में मांग में सुधार होना शुरू हुआ। FMCG कंपनियां जो महामारी के कारण पिछले दो साल के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित हुई थीं, उम्मीद कर रही हैं कि 2023 में चीजें बेहतर होंगी।

Dabur India के CEO मोहित मल्होत्रा ​​ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम वर्ष 2023 को लेकर आशान्वित हैं और हमें ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा कि उभरते माध्यमों मसलन आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स के जरिये शहरी मांग में वृद्धि जारी रहेगी।’’

उद्योग में 2022 में कीमत वृद्धि दो अंक यानी 10 प्रतिशत से अधिक रही है। डेटा विश्लेषण कंपनी NielsenIQ की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि FMCG उद्योग में पिछले तीन माह की तुलना में सितंबर तिमाही में मात्रा के लिहाज से 0.9 प्रतिशत की गिरावट रही।

Emami के वाइस चेयरमैन मोहन गोयनका ने कहा कि उच्च महंगाई और ग्रामीण बाजार में सुस्ती चिंता का विषय बनी हुई है, लेकिन जिंस कीमतें नीचे आना शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर से जिंस कीमतें नीचे आ रही हैं लेकिन इसका लाभ अगले वित्त वर्ष में ही दिखना शुरू होगा।

Britannia industries के कार्यकारी वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कहा कि महामारी के बाद मांग स्थिर हुई है। लेकिन लागत और मुनाफे के मोर्चे पर देखा जाए, तो जिंसों के दाम ऊंचे हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जिंसों के दाम अभी नरम नहीं हुए हैं। हालांकि, हमें उम्मीद है कि आगे चलकर जिंस कीमतें नीचे आएंगी।

बेरी ने कहा कि अभी सिर्फ पाम तेल का दाम नीचे आया है। गेहूं के दाम चढ़े हुए हैं जबकि चीनी स्थिर है। हालांकि, आगे हमें स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

First Published - December 27, 2022 | 11:53 AM IST

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