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दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट से उड़ान भरने वालों को अब जेब ढीली करनी पड़ सकती है। इन दोनों बड़े एयरपोर्ट्स को चलाने वाली कंपनियों — GMR एयरपोर्ट्स लिमिटेड और अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड — को हाल ही में एक बड़ा कानूनी फायदा मिला है, जिससे उनकी कमाई बढ़ सकती है।
अब तक एयरपोर्ट चार्ज तय करने के लिए केवल उड़ानों से जुड़ी कमाई (जैसे लैंडिंग फीस, पैसेंजर सर्विस फीस) को ही माना जाता था। लेकिन ट्राइब्यूनल (TDSAT) ने कहा है कि अब गैर-उड़ान सेवाओं से होने वाली कमाई (जैसे पार्किंग, विज्ञापन और रिटेल दुकानों की आमदनी) को भी इसमें जोड़ा जाएगा।
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इस फैसले का मतलब यह है कि दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर चार्ज बढ़ सकते हैं, जिससे एयरलाइंस की लागत बढ़ेगी और टिकट के दाम भी ऊपर जा सकते हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 10 सालों में एयरपोर्ट चार्ज करीब 6% तक बढ़ सकते हैं। इससे एयरलाइंस पर असर पड़ेगा — उदाहरण के लिए, इंडिगो की सालाना कमाई पर 3.4% तक का असर दिख सकता है। FY25 में इंडिगो की कुल आय ₹80,803 करोड़ रही।
दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट्स को 2006 में निजी हाथों में सौंपा गया था। इसके बाद 2012-13 में इन कंपनियों ने रेगुलेटर AERA के नियमों को चुनौती दी, जिसमें कहा गया था कि गैर-उड़ान सेवाओं से होने वाली कमाई को नहीं जोड़ा जाएगा।
इन कंपनियों का कहना था कि पुराने नियमों के मुताबिक “सिंगल-टिल मॉडल” लागू होना चाहिए जिसमें दोनों तरह की कमाई जोड़ी जाती है।
अब ट्राइब्यूनल ने 1 जुलाई के फैसले में कंपनियों के पक्ष में निर्णय दिया और कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की 2011 की चिट्ठी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दिशा में हस्तक्षेप किया था।
TDSAT ने पुराने टैरिफ फैसलों (2009-2014) को खारिज कर दिया, लेकिन यह नहीं कहा कि पुरानी कमाई जो नहीं हुई, वह वापस मिलेगी या नहीं। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट की ₹17,500 करोड़ की खोई कमाई को भविष्य की गणना में जोड़ा जा सकता है, जिसे “True-Up” मैकेनिज्म कहा जाता है।
इस फैसले के बाद, कोटक ने GMR एयरपोर्ट्स के शेयर का टारगेट ₹96 रखा है। 1 जुलाई से 11 जुलाई के बीच GMR के शेयर में करीब 5% की तेजी आई है, जबकि Nifty50 में 1.5% की गिरावट आई।
GMR की FY25 में कुल आय ₹10,414 करोड़ रही और घाटा थोड़ा कम हुआ है। वहीं, अदाणी एयरपोर्ट्स की कमाई ₹10,224 करोड़ रही और उनका प्री-टैक्स घाटा घटकर ₹5 करोड़ रह गया।