वित्त मंत्री ने नए बजट में सिंचाई और पीने योग्य पानी की परियोजनाओं पर ध्यान देने की बात क्या कही, तमाम बड़ी कंपनियों के कान खड़े हो गए। 1208 करोड़ रुपये की पूंजी वाली फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज भी इसमें शामिल है।
फिनोलेक्स कंपनी पीवीसी पाइप बनाती है और इस क्षेत्र पर पकड़ मजबूत करने के लिए और मौजूदा संभावनाओं का फायदा उठाने के लिए कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है।
फिनोलेक्स के वरिष्ठ प्रबंधन के मुताबिक कंपनी अभी उत्तरांचल या हिमाचल प्रदेश में 30,000 टन क्षमता वाला संयंत्र लगाने की संभावनाओं का आकलन कर रही है।
विश्लेषकों के अनुसार कंपनी की कमाई का अधिकतर हिस्सा देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में चलने वाली सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं से प्राप्त होता है।
वित्तीय वर्ष 2008 के पहले नौ महीनों में कंपनी को लगभग 1134 करोड़ रुपये की आय ऐसी ही परियोजनाओं से हुई है। कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के मुताबिक उत्तर भारत के बाजार में भी कंपनी के विकास की अपार संभावनाएं हैं।
कंपनी के सहायक प्रबंध निदेशक सौरभ धनोरकर ने बताया कि कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर सरकार के ध्यान देने से इस क्षेत्र में कंपनी के विकास के लिए ज्यादा अवसर मुहैया कराए हैं।
कंपनी की वर्तमान पीवीसी पाइप उत्पादन क्षमता सालाना 70,000 टन है । पुणे में कंपनी 30,000 टन क्षमता का एक नया संयंत्र जल्दी ही शुरू करने वाली है।
इस संयंत्र पर कुल पूंजी लागत लगभग 20 करोड़ रुपये आई है। इसके बाद उसकी उत्पादन क्षमता काफी बढ़ जाएगी। कंपनी की योजना रत्नागिरी में 43 मेगावॉट का कैप्टिव बिजली संयंत्र लगाने की भी है।
इसके बाद पीवीसी पाइप के उत्पादन पर आने वाली उसकी लागत कम हो जाएगी।
बजट में वित्त मंत्री ने राजीव गांधी पेयजल अभियान के लिए 7300 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। सिंचाई परियोजनाओं के लिए भी इस साल 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 11,000 करोड़ रुपये था।