रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने देश में डिजिटल क्रांति पर जोर दिया है। अंबानी ने कहा कि अब 2जी तकनीक को इतिहास के पन्ने में समेटकर नई तकनीक की तरफ बढऩे का समय आ गया है। उधर दूरसंचार कारोबार में अंबानी के प्रतिस्पद्र्धी और भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने सरकार से शुल्क सरल बनाने की मांग की है। दोनों दिग्गज देश में मोबाइल फोन सेवाओं के 25 साल पूरे होने पर आज इंडियन मोबाइल कांग्रेस के वेबिनार में दूरसंचार उद्योग के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर बोल रहे थे।
अंबानी ने कहा कि देश में लैंडलाइन से मोबाइल फोन तक जाना निस्संदेह क्रांतिकारी घटना रही। लेकिन पिछले 25 साल में मोबाइल टेलीफोन व्यवस्था में ही बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि देश में मोबाइल फोन की कॉल दरें उम्मीद से कहीं अधिक सस्ती हो गई हैं और ये फोन केवल अमीरों की मु_ी में सिमटकर नहीं रह गए हैं। इंटरनेट की वजह से मोबाइल फोन पर अब कई काम होने लगे हैं और डेटा बेहद सस्ता हो गया है।
लेकिन अंबानी ने कहा कि 25 साल का सफर पूरा होने पर हमें उन बाधाओं पर भी ध्यान देना चाहिए, जो भारतीय उपभोक्ताओं को इस डिजिटल क्रांति का पूरा फायदा उठाने से रोक रही हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत में अब भी 30 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता 2जी के जमाने में फंसे हुए हैं।
फीचर फोन उन्हें इंटरनेट का बेहद बुनियादी इस्तेमाल भी नहीं करने दे रहे हैं, जबकि भारत और पूरी दुनिया 5जी तकनीक की देहरी पर पहुंच गई है। मेरी राय है कि 2जी को पूरी तरह खत्म करने के लिए नीतिगत स्तर पर कदम उठाए जाने की जरूरत है।’
कारोबार में अंबानी के प्रतिस्पद्र्घी मित्तल ने कहा, ‘भारतीय दूरसंचार उद्योग की पिछले 25 वर्षों की उपलब्धि काबिले तारीफ है। आज देश में एक अरब से अधिक लोग एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार है। पहली पीढ़ी के उद्यमी के रूप में एयरटेल और मेरे लिए यह गर्व की बात है कि इस रोमांचक यात्रा में हम सबसे आगे रहे हैं।’मित्तल ने कहा कि भारत में दूरसंचार शुल्क की दरें विश्व में सबसे सस्ती हैं, लेकिन यहां कर की दरें सबसे अधिक हैं। उन्होंने सरकार से करों को तर्कसंगत बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम जैसे संसाधनों को सरकारी खजाने की कमाई का जरिया नहीं बनाया जाना चाहिए। दूरसंचार क्षेत्र की संस्था सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कई बार वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर करों में कमी के रूप में इस क्षेत्र को राहत देने की मांग की है।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम को केंद्र्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा, दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश और कई अन्य उद्योग प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। देश में मोबाइल फोन पर पहली बार बातचीत 31 जुलाई, 1995 को कोलकाता में राइटर्स बिल्डिंग और दिल्ली में संचार भवन के बीच हुई थी। यह बातचीत पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री और केंद्रीय संचार मंत्री के बीच हुई थी। सीओएआई ने कहा कि आज देश में करीब 95.8 करोड़ सक्रिय वायरलेस ग्राहक हैं। भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है, जो देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रहा है और महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को डिजिटल तरीके से चलाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
