सऊदी अरब की कंपनी अल-रुस्तमानी के बाद अब ब्रिटेन की भी एक प्रमुख कंपनी की लार जीएचसीएल समूह के रिटेल कारोबार पर टपक रही है।
यह कंपनी जीएचसीएल के रिटेल उपक्रम रोजबीज में निवेश के जरिये हिस्सेदारी खरीदना चाह रही है और इसकेलिए समूह के साथ उसकी बातचीत भी चल रही है। ब्रिटिश कंपनी ने रोजबीज इंडिया इंटीरियर लिमिटेड में निवेश करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार जीएचसीएल समूह की कुल कीमत लगभग 3,600 करोड़ रुपये है। सूत्रों का कहना है कि ब्रिटिश कंपनी जीएचसीएल के भारत और ब्रिटेन में चल रहे रिटेल कारोबार में लगभग 700 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी यह निवेश इक्विटी के जरिये करना चाहती है। इसके लिए ब्रिटिश कंपनी लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की इच्छुक है।
मार्च 2008 में जीएचसीएल के निदेशक मंडल ने कंपनी के कारोबार को रीस्ट्रक्चर करने की मंजूरी दे दी थी। कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सोडा एश का कारोबार करने वाली कंपनी के नाम से ही सूचीबद्ध रहेगी। समूह होम टेक्सटाइल उत्पादों के निर्माण कारोबार को जीएचसीएल लिमिटेड की 100 फीसदी सहायक कंपनी बनाने पर भी विचार कर रहा है। यही रिटेल कंपनी समूह के भारत और ब्रिटेन में मौजूद रिटेल कारोबार को देखेगी।
सूत्रों का कहना है कि ब्रिटिश कंपनी रोजबीज अपना रिटेल कारोबार भारत में जीएचसीएल समूह की रिटेल कंपनी को सौंपने की योजना बना रही है। सोडा एश के कारोबार से शुरुआत करने के बाद जीएचसीएल बाद में होम टेक्सटाइल के निर्माण कारोबार में भी आ गया था। इससे भी आगे बढ़कर उसने 2006 में ब्रिटेन की सबसे बड़ी होम टेक्सटाइल रिटेल चेन रोजबीज का अधिग्रहण किया था।
इस अधिग्रहण के बाद वह विदेश में भी रिटेलिंग के कारोबार में आ गया था। इसके बाद उसने अमेरिका में भी संस्थागत टेक्सटाइल वितरण कंपनी का भी अधिग्रहण किया था। समूह की योजना कंपनी की योजना सूत कातने से बुनने तक, उत्पाद डिजाइन करने और उत्पादों को विकसित करने और उनके वितरण क्षेत्र में भी अपनी पकड़ बनाने की है। पिछले कुछ सालों में जीएचसीएल ने होम टेक्सटाइल और सोडा एश के क्षेत्र में अधिग्रहणों के जरिये काफी विकास किया है।