महामारी के कारण वैश्विक और देसी अर्थव्यवस्था में आए बदलाव से कई क्षेत्रों की कंपनियों को काफी फायदा हुआ है। टीका बनाने वाली पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट भी उनमें से एक है, जिन्हें महामारी से सबसे ज्यादा लाभ हुआ है।
पिछले दो साल में सीरम इंस्टीट्यूट ने आय और मुनाफे में जबरदस्त उछाल दर्ज की है। वित्त वर्ष 2022 में सीरम की आय इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में तिगुनी हो गई और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में यह सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली फर्म बन गई है। इतना ही नहीं यह देश की सबसे ज्यादा मुनाफेदार फार्मा कंपनी भी बन गई है।
वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का मुनाफा साल भर पहले के मुकालबे 186 फीसदी बढ़कर 11,116 करोड़ रुपये रहा, जो देश की किसी भी दवा कंपनी से अधिक है। उसके बाद सबसे अधिक 4,487 करोड़ रुपये का मुनाफा जायडस लाइफसाइंसेज को हुआ और सन फार्मा 3,272.7 करोड़ रुपये लाभ के साथ तीसरे स्थान पर रही।
इसी तरह वित्त वर्ष 2022 में सीरम की शुद्ध बिक्री इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 256 फीसदी बढ़कर 25,645 करोड़ रुपये रही और आय के मामले में यह सन फार्मा से बाद दूसरे स्थान पर रही। सन फार्मा की आय 38,654 करोड़ रुपये रही थी।
वित्त वर्ष 2021 भी सीरम के लिए अच्छा साल साबित हुआ। उस दौरान भारत सहित दुनिया भर में कोविड महामारी की पहली लहर आई थी। इस दौरान कंपनी की शुद्ध आय वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले 32.2 फीसदी बढ़ी और मुनाफे में 48.1 फीसदी इजाफा हुआ।
महामारी शुरू होने के बाद से सीरम की शुद्ध बिक्री कुल मिलाकर करीब पांच गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 25,645 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2020 में यह 5,446 करोड़ रुपये ही थी। इसी तरह कंपनी का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2020 में 2,251 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 11,116 करोड़ रुपये हो गया।
इसके उलट वैश्विक महामारी से पहले के पांच वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 2015 से 2020) के दौरान सीरम इंस्टीट्यूट की शुद्ध बिक्री सालाना 7.8 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ी। कंपनी की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2015 में 3,737 करोड़ रुपये थी जो बढ़कर वित्त वर्ष 2020 में 5,446 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान कंपनी के शुद्ध लाभ में महज 2.8 फीसदी चक्रवृद्धि इजाफा हुआ, जो वित्त वर्ष 2015 के 1,964 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2020 में 2,251 करोड़ रुपये हो गया।
वैश्विक स्तर पर टीके के उत्पादन और बिक्री के लिहाज से सीरम दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड-19 टीके की प्रमुख विनिर्माता है।
मगर वित्त वर्ष 2021 और 2022 में कंपनी की राजस्व वृद्धि काफी हद तक निर्यात के बल पर रही। पिछले एक दशक से अधिक समय में पहली बार पिछले वित्त वर्ष में उसके राजस्व में घरेलू बाजार का योगदान सर्वाधिक रहा। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी के कुल राजस्व में निर्यात का योगदान महज 19.7 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 2020 के 77.7 फीसदी से काफी कम है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 में 5,063 करोड़ रुपये निर्यात से कमाए, जो वित्त वर्ष 2021 के 4,424 करोड़ रुपये के मुकाबले 14 फीसदी अधिक हैं। इसी प्रकार आयात पर कंपनी का खर्च एक साल में 145 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 3,630 करोड़ रुपये हो गया।