प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
UAE की एमिरेट्स NBD बैंक ने RBL बैंक में 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए तीन बिलियन डॉलर का निवेश किया है। ये डील RBL बैंक को पूरे देश में फैलने का मौका देगी। अब ये बैंक मध्यम आकार से निकलकर बड़े बैंकों की लीग में शामिल होने की तैयारी कर रहा है। बैंक की मैनेजमेंट ने रविवार को ये बातें बताईं। उन्होंने कहा कि वो अब कॉर्पोरेट लोन देने की ताकत बढ़ाएंगे, वेल्थ मैनेजमेंट में कदम रखेंगे, रिटेल लोन तेजी से बढ़ाएंगे और डिजिटल टेक्नोलॉजी से मिडल ईस्ट के बाजार में घुसेंगे।
RBL बैंक के एमडी और सीईओ आर. सुब्रमणियाकुमार ने कहा कि हम अभी मध्यम बैंक हैं, लेकिन अब बड़े बनने का सपना पूरा होगा। ये निवेश हमें वो ताकत देगा। बैंक के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर अब कई गुना बढ़ जाएंगे। इससे डिपॉजिट जमा करने में आसानी होगी।
RBL बैंक की मौजूदा कारोबार को इस डील से बड़ा सपोर्ट मिलेगा। बैंक अब नए इलाकों में फैलेगा। पूरे देश में अपनी पहुंच बढ़ाएगा। डिजिटल बैंकिंग को और मजबूत करेगा। एमिरेट्स NBD की अंतरराष्ट्रीय जानकारी से वेल्थ मैनेजमेंट में फायदा होगा। इसके अलावा, मिडल ईस्ट और भारत के बीच डिजिटल पेमेंट्स के बिजनेस में अच्छा हिस्सा मिल सकता है।
मैनेजमेंट ने बताया कि ये निवेश कॉर्पोरेट बैंकिंग को ताकत देगा। बैंक अब बड़े और अच्छी रेटिंग वाले कंपनियों को ज्यादा लोन दे सकेगा। एमिरेट्स NBD का इंडिया में पहले से मजबूत होलसेल बैंकिंग बिजनेस है। इससे दोनों के बीच अच्छा तालमेल बनेगा। बैंक अब डेब्ट सिंडिकेशन जैसे नए मौकों पर भी नजर रखेगा।
ये निवेश इंडिया के प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़ा विदेशी निवेश है। इससे पहले इसी साल जापान की एसएमबीसी ने यस बैंक में 24 फीसदी हिस्सा लिया था। अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने सम्मान कैपिटल में 42 फीसदी हिस्सा एक बिलियन डॉलर में खरीदा था।
डील के बाद RBL बैंक की नई पहचान बनेगी। अभी ये घरेलू प्राइवेट बैंक है, लेकिन अब ये विदेशी बैंक की लिस्टेड सब्सिडियरी कहलाएगा। बैंक का कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो 40 फीसदी तक पहुंच जाएगा।
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एमिरेट्स NBD को प्रमोटर का दर्जा मिलेगा। घरेलू प्रमोटरों की तरह उन्हें अपना हिस्सा 26 फीसदी तक घटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो 51 फीसदी से नीचे नहीं जाएंगे। लेकिन वोटिंग राइट्स 26 फीसदी तक ही रहेंगे। फिर भी वो बोर्ड में कई सदस्य नामित कर सकेंगे।
नए बोर्ड में 50 फीसदी इंडिपेंडेंट डायरेक्टर होंगे। बाकी 50 फीसदी में एक्जीक्यूटिव और नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शामिल होंगे, जो एमिरेट्स NBD के होंगे। सुब्रमणियाकुमार ने कहा कि एमिरेट्स NBD हमेशा 51 फीसदी हिस्सा रखेगा। विदेशी निवेश की 74 फीसदी लिमिट को पार नहीं करेगा। अभी मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन समय के साथ बोर्ड फैसला लेगा। ये बैंक अब बोर्ड के फैसलों से चलेगा।
डील को इस तरह बनाया गया है कि पहले ओपन ऑफर होगा। अगर 60 फीसदी प्रेफरेंशियल इश्यू और ओपन ऑफर से हिस्सा SEBI के मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम से ज्यादा हो गया, तो दोनों को कम किया जाएगा। प्राइमरी इश्यू का साइज घट सकता है। बैंक को लगता है कि ओपन ऑफर ज्यादा बड़ा नहीं होगा।
भारत में प्राइवेट बैंकों में 74 फीसदी विदेशी निवेश की इजाजत है। SEBI के नियम से लिस्टेड कंपनी में 25 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग जरूरी है। RBL बैंक के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर जयदीप अय्यर ने कहा कि 60 फीसदी प्राइमरी ऑफर के साथ बढ़ी कैपिटल पर 26 फीसदी ओपन ऑफर की जरूरत पड़ेगी। ये कुल 86 फीसदी हो जाएगा, जो विदेशी निवेश और पब्लिक शेयरहोल्डिंग दोनों लिमिट से ज्यादा है। इसलिए एडजस्टमेंट होगा। पूरी डील में सभी अप्रूवल्स के साथ पांच से आठ महीने लगेंगे।
इसके अलावा, एमिरेट्स NBD की इंडिया ब्रांचेस RBL बैंक में मर्ज होंगी। एमिरेट्स NBD के भारत में तीन ब्रांच हैं- मुंबई, दिल्ली और चेन्नई। मर्जर के बाद एमिरेट्स NBD को 280 रुपये प्रति शेयर पर अतिरिक्त शेयर मिलेंगे।
ये डील RBL बैंक के लिए नई शुरुआत है। इससे बैंक की ताकत बढ़ेगी और नए बाजारों में मौके मिलेंगे। एमिरेट्स NBD की मदद से बैंक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत होगा। बैंक अब कॉर्पोरेट से लेकर रिटेल तक हर सेगमेंट में ग्रोथ पर फोकस करेगा। डिजिटल टेक्नोलॉजी से मिडल ईस्ट के साथ कनेक्शन मजबूत होगा। कुल मिलाकर, ये निवेश भारतीय बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव ला सकता है।