उपभोक्ता वस्तुओं का विनिर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी इमामी का शेयर 52 सप्ताह के अपने अधिकतम स्तर 546.25 रुपये तक पहुंचने के बाद से लगभग 3.5 प्रतिशत कमजोर हो चुका है। बुधवार को बीएसई पर यह शेयर 528.35 रुपये पर बंद हुआ।
निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक पर लंबे समय तक खराब प्रदर्शन करने के बाद अब यह शेयर रफ्तार पकड़ रहा है और पिछले एक महीने में 13 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुका है। मार्च के निचले स्तर के बाद से इसमें तेजी का रुख रहा है और इस अवधि के दौरान इसमें करीब 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे शेयर को पिछले एक साल के दौरान इस क्षेत्र के सूचकांक की तुलना में अपने खराब प्रदर्शन को कम करने में मदद मिली है।
इस शेयर में हालिया बढ़त जून तिमाही के मजबूत आंकड़ों, राजस्व वृद्धि की उम्मीद, मार्जिन विस्तार और गिरवी रखी प्रवर्तक हिस्सेदारी में कमी के कारण हुई है। कुल मिलाकर जून तिमाही में कंपनी की वृद्धि पिछले साल की तुलना में सात प्रतिशत रही है और यह काफी हद तक अनुमान के अनुरूप थी।
ग्रीष्मकालीन पोर्टफोलियो के सुस्त प्रदर्शन के कारण बिक्री में गिरावट के बावजूद ऐसा हुआ है। इसे छोड़कर घरेलू कारोबार में 16 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि रही। बेमौसम बारिश की वजह से ग्रीष्मकालीन पोर्टफोलियो में पांच प्रतिशत तक की गिरावट आई, जबकि नवरत्न में आठ प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
हालांकि वितरण कार्यक्रम की बदौलत इमामी डर्मिकूल की बिक्री में नौ प्रतिशत का इजाफा करने में सक्षम रही। इस तिमाही में वृद्धि की अगुआई दर्द निवारक उत्पाद (पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत का इजाफा), स्वास्थ्य सेवा (11 प्रतिशत का इजाफा) और एंटीसेप्टिक क्रीम बोरोप्लस (19 प्रतिशत का इजाफा) ने की।
बिक्री में लगभग 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले आधुनिक कारोबार और ई-कॉमर्स चैनल ने कम आधार पर पहली तिमाही के दौरान क्रमशः 45 प्रतिशत और 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। पिछले साल के मुकाबले राजस्व में 510 आधार अंक (बीपीएस) की वृद्धि हुई है। कंपनी को उम्मीद है कि इन दोनों चैनलों में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
वित्त वर्ष 24 में कंपनी को 200 से 250 आधार अंकों के परिचालन मार्जिन विस्तार के साथ आठ से 10 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि नजर आ रही है। अंतरराष्ट्रीय कारोबार, पुरुष सौंदर्य और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों में दो अंक की वृद्धि की अगुआई में ऐसा हो रहा है। इनपुट लागत कम होने से लाभ बढ़ने में मदद मिलने की उम्मीद है।
मार्जिन में सुधार की उम्मीदों के कारण अधिकांश ब्रोकरेज ने अगले दो से तीन साल में परिचालन लाभ के अपने अनुमान को बढ़ाया है। आईआईएफएल रिसर्च के पर्सी पंथाकी के नेतृत्व में विश्लेषकों ने कहा कि ग्रामीण और बड़े स्तर पर वैकल्पिक उत्पादों की ज्यादा प्रमुखता की वजह से अधिक महंगाई के समय में इमामी पर असमान रूप से असर पड़ा है।