facebookmetapixel
ऋण गारंटी के लिए सरकार को 2,000 करोड़ रुपये की दरकार, निर्यातकों को मिलेगी राहतRed Fort Blast: उमर ही चला रहा था कार, सीसीटीवी फुटेज से सामने आया पूरा रूटट्रंप के एच1-बी बयान से खुली सच्चाई, भारतीय पेशेवरों की वैश्विक अहमियत हुई साबितदूसरी तिमाही में भी बरकरार रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार, जीडीपी ग्रोथ रेट 7% से ज्यादा रहने का अनुमानG-7 विदेश मंत्रियों की बैठक में ऊर्जा सुरक्षा पर बोले जयशंकर: भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरीफिजिक्सवाला आईपीओ को मिले 1.8 गुना आवेदन, संस्थागत निवेशकों की मजबूत भागीदारी से मिली रफ्तारनिप्पॉन लाइफ इंडिया की इकाई में हिस्सा लेगी DWS, वैकल्पिक निवेश प्लेटफॉर्म के विस्तार की तैयारीकमजोर प्रदर्शन से स्मार्ट बीटा फंड्स की चमक फीकी, निवेशकों का भरोसा घटाIPO नियमों में बदलाव का सेबी का प्रस्ताव, प्री-आईपीओ गिरवी शेयरों के लॉक-इन नियम में होगा सुधारफ्लेक्सीकैप व गोल्ड ईटीएफ बने पसंदीदा, मिड और स्मॉलकैप फंड्स की चमक पड़ी फीकी

वर्कफोर्स से ज्यादा प्रॉफिटेबिलिटी को प्राथमिकता देती है एलन मस्क की प्रबंधन शैली

Last Updated- December 13, 2022 | 3:19 PM IST
Twitter

अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का 28 अक्टूबर को अधिग्रहण करने के बाद से इस सोशल मीडिया मंच में कई बदलाव किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के भीतर व्यापक अराजकता और उथल-पुथल मची हुई है। ट्विटर के संचालन को संभालने के कुछ दिनों के भीतर, मस्क ने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और 7,500 में से आधे कर्मचारियों को निकाल दिया, विविधता और समावेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले कर्मचारियों को असंगत तरीके से बाहर नहीं करने की सलाह को नजरअंदाज कर दिया और रोजगार श्रम कानूनों एवं कर्मचारी अनुबंधों का उल्लंघन किया।

इसके बाद मस्क ने 16 नवंबर को शेष कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए एक ईमेल भेजा: ‘‘पूरी तरह खुद को काम में झोंक दो’’ या कंपनी छोड़ दो। पत्र में कहा गया, ‘‘इसका मतलब है, बहुत तेजी के साथ घंटों काम करना। केवल असाधारण प्रदर्शन करने वालों को ही उत्तीर्ण किया जाएगा।’’ ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ कर्मचारी काम करते करते अपने कार्यालयों में ही सो गए।

ऐसी स्थिति पैदा करना मस्क के लिए नई बात नहीं है। उनका पहले से ही अधिकारियों को बर्खास्त करने और टेस्ला में बड़े पैमाने पर छंटनी करने का इतिहास रहा है। मनुष्यों से मशीन के पुर्जों की तरह व्यवहार मस्क यांत्रिक शैली के प्रबंधन में भरोसा करते हैं, जिसके तहत कर्मचारियों से इंसानों के बजाय मशीन में लगे पुर्जे की तरह व्यवहार किया जाता है।

अमेरिकी इंजीनियर फ्रेडरिक टेलर प्रबंधन सिद्धांत के शुरुआती समर्थकों में से एक थे। उन्होंने 1910 में प्रकाशित ‘द प्रिंसिपल्स ऑफ साइंटिफिक मैनेजमेंट’ में लिखा था: ‘‘अतीत में मनुष्य पहले रहा है। भविष्य में व्यवस्था पहले होनी चाहिए… हमारी योजना में, हम अपने कर्मचारियों से पहल नहीं मांगते हैं। हम कोई पहल नहीं चाहते। हम उनसे केवल यही चाहते हैं कि वे हमारे द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें, जो हम कहते हैं, वह करें और इसे शीघ्र करें।’’

इस शैली के तहत उत्पादन के साधनों को कर्मचारियों की भावनात्मक स्थिति से अधिक महत्व दिया जाता है, किंतु कर्मचारी वास्तव में भावनात्मक एवं संवेदनशील होते हैं, जिनके पास सोचने-समझने की ताकत है और जब उनके साथ उचित व्यवहार किया जाता है तो वे अपना काम अच्छी तरह से करते हैं।

मानव केन्द्रित कार्य

यांत्रिक प्रबंधन की कमियों के कारण मानवतावादी प्रबंधन दृष्टिकोण उत्पन्न हुआ। मानवतावादी दृष्टिकोण भावनात्मक रूप से स्वस्थ कार्यस्थलों, लैंगिक समानता, सम्मान, उत्पीड़न-विरोधी कर्मचारियों के बीच जुड़ाव और संघर्ष प्रबंधन को प्राथमिकता देता है। वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से अधिक मानवीय कार्यस्थल की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है। कार्यस्थलों पर असंतोष के परिणामस्वरूप कर्मचारी अधिक मानव-केंद्रित कार्यस्थलों की मांग कर रहे हैं और अपने अधिकारों के लिए खड़े हो रहे हैं।

पत्रकार टॉम गिब्बी ने फोर्ब्स में कहा कि कर्मचारी अपनी जरूरतों और चाहतों के बारे में स्पष्ट हैं। यदि उनका वर्तमान नियोक्ता उन जरूरतों को पूरा नहीं करता है, तो वे एक नया नियोक्ता ढूंढते हैं जो उनकी परवाह करता है। यह स्पष्ट है कि मस्क की कार्यस्थल संस्कृति के भले ही कोई भी लाभ हों, लेकिन यह स्वस्थ नहीं है।

First Published - December 13, 2022 | 2:34 PM IST

संबंधित पोस्ट