Economic Survey 2024: सरकार नियंत्रित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (NARCL) लगभग 1.65 लाख करोड़ रुपये मूल्य के फंसे कर्ज खरीदने पर विचार कर रही है। इनमें 1.25 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कर्ज के प्रस्ताव अधिग्रहण के विभिन्न चरणों में हैं एवं इनसे जुड़े सभी पहलुओं की छानबीन हो रही है। शेष 40,000 करोड़ रुपये के ऋणों का मूल्यांकन चल रहा है। सोमवार को लोक सभा में पेश वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में ये बातें कही गईं।
सरकार नियंत्रित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एआरसी) ने अब तक 18 खातों से 92,000 करोड़ रुपये मूल्य के कर्ज खरीदे हैं। इनमें बीमार श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस और श्रेय इक्विपमेंट फाइनैंस भी शामिल हैं। एनएआरसीएल की स्थापना 2021 में हुई थी और इसमें बहुलांश हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास और बाकी निजी बैंकों के पास है।
कंपनी बैंकों से पूर्ण प्रावधान वाले फंसे कर्ज खरीदती है। एनएआरसीएल 15 प्रतिशत नकद और 85 प्रतिशत सिक्योरिटी रिसीट (एसआर) के अनुपात में फंसे कर्ज खरीदती है। एनएआरसीएल से जारी सिक्योरिटी रिसीट को सरकार से 30,600 करोड़ रुपये तक की गारंटी होती है। सरकार की गारंटी से पहले समाधान या समापन जरूरी शर्त है। सिक्योरिटी रिसीट के अंकित मूल्य और वास्तविक प्राप्तियों के बीच अंतर पर सरकार की गारंटी होती है।
कुल मिलाकर, आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि एआरसी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) सहित दूसरे निवेशकों के लिए बैंकों के पास मौजूद कर्ज में फंसी आस्तियों/फंसे ऋणों तक पहुंचने का वैकल्पिक माध्यम बन गई हैं। आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में एआरसी ने सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों के सकल एनपीए में लगभग 9.7 प्रतिशत हिस्सा खरीदा था। वित्त वर्ष 2022 में यह हिस्सा 3.2 प्रतिशत था।
आर्थिक समीक्षा के अनुसार एनपीए के बाजार के लिए पहली शर्त है कि वह व्यापक, प्रतिस्पर्द्धी और पर्याप्त तरलता से भरपूर हो। समीक्षा में कहा गया, ‘एनपीए का उचित मूल्य हासिल करने के लिए ऐसे बाजार में पर्याप्त संख्या में निवेशकों का होना जरूरी है। बैंकों से फंसे ऋण खरीदने और उन्हें दुरुस्त करने के लिए बाजार में निवेशकों एवं नकदी की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।’
सकल एनपीए कम करने के लिए प्रत्यक्ष कदम उठाने के अलावा सरकार बाजार का मौलिक ढांचा मजबूत बनाने पर जोर दे रही है ताकि फंसी संपत्तियों के लिए बैड बैंक की स्थापना के साथ नकदी और प्रतिस्पर्द्धा में सुधार किया जा सके। समीक्षा में कहा गया है कि सरकार ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया तंत्र भी मजबूत करने पर ध्यान दे रही है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फंसी परिसंपत्तियों के लिए बाजार में तरलता में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इन कदमों में समाधान प्रक्रिया से गुजर रही कंपनियों द्वारा जारी ऋण प्रतिभूतियों और एआरसी की सिक्योरिटी रिसीट में एफपीआई को निवेश करने की अनुमति देना शामिल है। इन उपायों से एआरसी द्वारा जारी सिक्योरिटी रिसीटी में एफपीआई निवेश वित्त वर्ष 2022 के दौरान 10,000 करोड़ रुपये था जो बढ़कर 14,482 करोड़ रुपये हो गया।
ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया प्रक्रिया पर आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वर्ष 2016 से मार्च 2024 तक 8 वर्षों के दौरान 31,394 करोड़ रुपये मूल्य के कंपनी ऋणों के समाधान निकाले गए हैं।