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चौथी तिमाही में कंपनियों की आय बढ़ने की उम्मीद

Published by
कृष्ण कांत
Last Updated- April 10, 2023 | 11:47 PM IST

ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि दो तिमाहियों में मायूसी मिलने के बाद वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कंपनियों की आय बढ़ सकती है। वृद्धि की अगुआई बैंक और वित्तीय सेवा यानी बीएफएसआई, एफएमसीजी और वाहन कंपनियां कर सकती हैं। निफ्टी 50 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले साल जनवरी-मार्च के मुकाबले 15.6 फीसदी बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। साल भर पहले मुनाफा 1.53 लाख करोड़ रुपये ही रहा था।

पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सूचकांक की कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 9.3 फीसदी बढ़ा था और दूसरी तिमाही में इजाफा 1.4 फीसदी था। मगर ब्रोकरेज कंपनियों को यह भी लगता है कि चौथी तिमाही में भारतीय कंपनियों के राजस्व में वृद्धि और धीमी हो जाएगी। कुल मांग घटने और जिंस की कीमतों में कमी आने से खनन एवं धातु तथा तेल एवं गैस कंपनियों को कम कीमत मिल रही है, जिसकी वजह से राजस्व वृद्धि मंद हो सकती है। निफ्टी 50 कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री (बैंक आदि के लिए शुद्ध ब्याज आय) 12.5 फीसदी बढ़कर 13.69 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। साल भर पहले यह आंकड़ा 12.17 लाख करोड़ रुपये था।

आय के अनुमान बताते हैं कि ब्रोकरेज फर्म विनिर्माताओं के मार्जिन में बढ़ोतरी पर दांव लगा रही हैं। उन्हें लगता है कि चौथी तिमाही में जिंस और ऊर्जा की कीमतों में गिरावट से राजस्व वृद्धि की मंदी का असर पूरी तरह खत्म हो जाएगा। यह भी माना जा रहा है कि बैंकिंग और गैर-बैंकिंग क्षेत्र के ऋणदाता चौथी तिमाही में भी राजस्व और शुद्ध मुनाफे के मामले में वैसा ही जबरदस्त प्रदर्शन करते रहेंगे, जैसा उन्होंने वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में किया था।

निफ्टी 50 सूचकांक में शामिल 11 बीएफएसआई (बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय एवं बीमा) कंपनियों का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 32.3 फीसदी बढ़कर 56,824 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 42,939 करोड़ रुपये था।

इसी प्रकार उनकी शुद्ध ब्याज आय 29.4 फीसदी बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.4 लाख करोड़ रुपये रही थी। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के दौरान कॉरपोरेट आय की वृद्धि में बीएसएफआई कंपनियों का योगदान 58 फीसदी रहेगा।

बीएफएसआई को छोड़ दिया जाए तो सूचकांक में शामिल शेष 38 कंपनियों का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के दौरान 9.1 फीसदी बढ़कर करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो एक साल पहले 1.1 लाख करोड़ रुपये रहा था।

इसके विपरीत गैर-बीएफएसआई कंपनियों के एकीकृत शुद्ध लाभ में दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान गिरावट दर्ज की गई थी। गैर-बीएफएसआई श्रेणी में एफएमसीजी और वाहन कंपनियों से आय को सबसे अधिक रफ्तार मिलेगी। उसके बाद टीसीएस, इन्फोसिस एवं एचसीएल टेक्नोलॉजिज जैसी आईटी सेवा कंपनियों का स्थान रहेगा।

यह विश्लेषण मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी एवं इलारा सिक्योरिटीज जैसी प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों के आकलन और ब्लूमबर्ग के अनुमानों पर आधारित है।

First Published : April 10, 2023 | 11:09 PM IST