मारुति सुजूकी इंडिया के पहले इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी)- ई-विटारा को दलाल पथ के विश्लेषकों से काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। विश्लेषकों के अनुसार इस पेशकश के साथ कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेगमेंट में धमाकेदार शुरुआत की है, लेकिन कीमतों और कड़ी प्रतिस्पर्धा को लेकर चिंताएं उम्मीदों पर पानी फेर सकती हैं।
मारुति सुजूकी इंडिया के शेयर ने 28 अगस्त को बीएसई पर 14,940.6 रुपये का ऊंचा स्तर छुआ था और 26 अगस्त को ई-विटारा लॉन्च किए जाने के बाद इसमें 2.2 फीसदी की तेजी आई है। इसकी तुलना में सेंसेक्स इस अवधि में 2.2 फीसदी फिसला है।
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ईवी में दस्तक
इस सप्ताह की शुरुआत में मारुति सुजूकी ने अपने गुजरात संयंत्र में ई-विटारा का उत्पादन शुरू किया। यह एसयूवी शुरुआत में जर्मनी, नीदरलैंड, स्वीडन, डेनमार्क, नॉर्वे और ऑस्ट्रिया जैसे वैश्विक बाजारों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह एसयूवी भारत का सबसे बड़े पैमाने पर उत्पादित और निर्यात वाला इलेक्ट्रिक वाहन भी होगा। यह मॉडल ब्रिटेन में पहले ही पेश किया जा चुका है और आने वाले महीनों में इसे यूरोप में व्यापक रूप से पेश करने की योजना है।
ब्रोकरों का मानना है कि ई-विटारा से मारुति के निर्यात को ताकत मिलेगी। नोमूरा को वित्त वर्ष 2026 में 4.15 लाख वाहन (सालाना आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्धि) और वित्त वर्ष 2027 में 4.49 लाख वाहन बिक्री (वार्षिक आधार पर 8 फीसदी का इजाफा) की उम्मीद है।
नोमूरा ने मारुति के शेयर को ‘तटस्थ’ रेटिंग दी है और कीमत लक्ष्य 13,113 रुपये रखा है। उसने इसमें लगभग 3,000 वाहन प्रति माह की धीमी घरेलू मांग को शामिल किया है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 14,300 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इसे ‘खरीदें’ रेटिंग दी है। नुवामा के विश्लेषकों का कहना है, ‘उत्पादन व्यय के लिए 2,200 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य पहले वर्ष में 70,000 से ज्यादा वाहन बनाना है। निर्यात को कोस्ट-प्लस आधार पर बेचा जाएगा, जिससे पीएलआई लाभ के बिना भी एबिट-स्तर का लाभ सुनिश्चित होगा।’
उत्पादन और निवेश
ई-विटारा का उत्पादन मारुति सुजूकी के एसएमजी प्लांट में किया जा रहा है जिसकी तीन लाइनों में 7.5 लाख वाहन बनाने की क्षमता है। ढाई लाख वाहनों की अतिरिक्त क्षमता वाली चौथी लाइन वित्त वर्ष 2027 में चालू हो जाने की उम्मीद है और यह आईसीई, ईवी और हाइब्रिड पावरट्रेन में बदली जा सकेगी।
इसके साथ ही, कार निर्माता ने उसी स्थान पर एक बैटरी कलपुर्जों का नया संयंत्र भी शुरू किया है, जिसे सुजूकी, तोशिबा और डेंसो के साथ साझेदारी में बनाया गया है। मारुति ने नए बैटरी कलपुर्जा संयंत्र और हाइब्रिड क्षमता विस्तार के लिए 4,270 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि मारुति सुजूकी के मौजूदा क्षमता विस्तार (वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में खरखौदा संयंत्र चालू होने और भविष्य में गुजरात में विस्तार की योजना) से इस बात की पुष्टि होती है कि कंपनी 24 लाख वाहनों की मौजूदा सालाना क्षमता को बढ़ाकर वित्त वर्ष 2031 तक 40 लाख वाहन करने की कोशिश में लगी है। । वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 96,000 वाहनों के साथ कुल बिक्री में निर्यात की भागीदारी लगभग 18 प्रतिशत है जिसके वित्त वर्ष 2026 में 20 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। कंपनी को यूरोप, जापान और अन्य देशों में ई-विटारा के निर्यात से इसमें मदद मिलेगी। आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने 16,550 रुपये के संशोधित कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।