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मांग व निवेश सुस्त होने से पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन पर दबाव

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इंदिवजल धस्माना
Last Updated- December 14, 2022 | 1:14 AM IST

पूंजीगत वस्तुओं, उपभोक्ता वस्तुओं और गैर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं पर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में गिरावट का असर ज्यादा है। इस क्षेत्र में उत्पादन पिछले साल और कोविड के पहले के साल 2019-20 की तुलना में कम हुआ है। इससे अर्थव्यवस्था में मांग कम रहने और कम निवेश के संकेत मिलते हैं।

अक्टूबर महीने में कुल मिलाकर विनिर्माण में 5.6 प्रतिशत गिरावट आई है. लेकिन यह अक्टूबर 2019-20 की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक है। इस तरह से इन 3 सेग्मेंट में अभी 2019-20 की तुलना में रिकवरी बाकी है, जब अर्थव्यवस्था में मंदी शुरू हुई थी।

पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अक्टूबर में 2.3 प्रतिशत और 2019-20 के समान महीने की तुलना में करीब 1 प्रतिशत गिरा है। हालांकि यह उतार-चढ़ाव वाला क्षेत्र है और एक बड़े ऑर्डर से किसी खास महीने में इसमें उछाल आ जाता है।

अक्टूबर में उपभोक्ता वस्तुओं में न सिर्फ अक्टूबर महीने में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15.3 प्रतिशत की गिरावट आई है, बल्कि यह वित्त वर्ष 20 के अक्टूबर महीने की तुलना में भी 3.2 प्रतिशत गिरा है। हालांकि यह क्षेत्र 2022-23 के पहले 7 महीनों में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना बढ़ा है, लेकिन 2019-20 की समान अवधि की तुलना में यह 4.8 प्रतिशत नीचे है। मोटर वाहनों, ट्रेलरों और सेमीट्रेलरों के उत्पादन में अक्टूबर में 12.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बावजूद ऐसा हुआ है।

वहीं गैर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अक्टूबर में 13.4 प्रतिशत की गिरावट आई है और 2019-20 के अक्टूबर की तुलना में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि पूंजीगत वस्तुओं और उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट खपत और निवेश में गति न होने की वजह से गंभीर समस्या का लक्षण है।

First Published : December 13, 2022 | 10:45 PM IST