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डॉ. रेड्डीज और स्ट्राइड्स को ऑर्किड से उम्मीद

Last Updated- December 05, 2022 | 9:19 PM IST

कम से कम दो फर्मास्युटिकल कंपनियों डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज और स्ट्राइड्स आर्कोलैबस के पास 26 प्रतिशत प्रवर्तक नियंत्रण है और ताजा बाजार गिरावट उन्हें असुरक्षित बना सकती है।


इस तरह की खबरें पहले ही फैल चुकी हैं कि निकोलस पिरामल स्ट्राइड्स आर्कोलैब्स में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है। बाद में इन खबरों का खंडन कर दिया गया।


31 दिसंबर, 2007 को डॉ. रेड्डीज के प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 25.15 प्रतिशत थी और इस वर्ष 1 जनवरी के बाद से कंपनी की शेयर की कीमत में 19.9 प्रतिशत की गिरावट आई है।  डॉ. रेड्डीज होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड संस्थापक और अध्यक्ष अंजी रेड्डी की एक पैतृक फर्म है जो कंपनी में 22.47 प्रतिशत का नियंत्रण रखती है। इसके अलावा अंजी रेड्डी, उनके पुत्र के. सतीश रेड्डी और दामाद जी. वी. प्रसाद के पास एक-एक प्रतिशत की हिस्सेदारी है।


दूसरी तरफ बेंगलुरु की स्ट्राइड्स आर्कोलैब्स का इसमें 18.82 प्रतिशत नियंत्रण है। कंपनी के शेयर की कीमत में इसी अवधि में 34 प्रतिशत की गिरावट आई।स्ट्राइड्स की समूह कंपनी एग्नस होल्डिंग ने 31 दिसंबर, 2007 की अवधि में अपनी नियंत्रण 0.7 प्रतिशत से बढ़ा कर 1.44 प्रतिशत किया।


डॉ. रेड्डीज के बोर्ड ने जनवरी के अंत में हुई अपनी बैठक में इक्विटी बढ़ाने का फैसला लिया था। बोर्ड ने तरजीही शेयरों का रास्ता अपना कर अपनी वर्तमान इक्विटी में 5 प्रतिशत का इजाफा करने का फैसला लिया था।


डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी. वी. प्रसाद ने कहा, ‘बोर्ड द्वारा लिए गए फैसले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं और जैसे ही इस संबंध में कुछ प्रगति होगी, मैं स्टॉक एक्सचेंज को इसकी सूचना दे दूंगा।’ऐसे अधिपत्रों के पूरा होने पर कंपनियों को 24 घंटें के अंदर नियामक को सूचित करने की आवश्यकता होती है।


अधिकांश प्रमुख घरेलू दवा कंपनियों के पास मजबूत प्रवर्तक नियंत्रण है। इन कंपनियों में जाइडस कैडिया (72.2 प्रतिशत), सन फार्मा (65.55 प्रतिशत), वोकहार्ट (73.64 प्रतिशत), डिशमैन फार्मा (61.45 प्रतिशत), अरबिंदो (55.27 प्रतिशत), अलेम्बिक (61.21 प्रतिशत) और पेनासिया बायोटेक (65.26 प्रतिशत) शामिल हैं।


बायोकॉन, लुपिन, निकोलस पिरामल, जुबिलैंट, इपका लेबोरेटरीज, ग्लेनमार्क, यूनिकेम और जे बी केम जैसे कुछ अन्य कंपनियां 40 प्रतिशत से अधिक प्रवर्तक नियंत्रण बनाए हुए हैं वहीं रैनबैक्सी लेबोरेटरीज (34.83 प्रतिशत), सिपला  (39.38 प्रतिशत) और कोपरैन (27.67 प्रतिशत प्रवर्तक नियंत्रण) के साथ शामिल हैं।

First Published - April 12, 2008 | 12:46 AM IST

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