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जंग और करार की चक्की में पिसेंगी देसी कंपनियां

Last Updated- December 07, 2022 | 11:01 AM IST

ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की आशंका और भारत-अमेरिका परमाणु करार की वजह से ईरान में तेल-गैस परियोजनाओं पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।


दरअसल, कई भारतीय कंपनियां ऊर्जा की जरूरतों के लिए ईरान में तेल-गैस परियोजनाओं पर नजरें टिकाए हुए है। सबसे पहले इसका कहर 300 अरब रुपये की विवादस्पद ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइप लाइन पर टूटने की आशंका है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि गैस पाइप लाइन पर अंतिम निर्णय की अवधि टलने के संकेत मिले हैं।

पिछले महीने ईरान और भारत के पेट्रोलियम मंत्रियों ने एक बैठक की थी। उसके बाद मुरली देवड़ा की ओर से कहा गया था कि जुलाई में इस सौदे पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। लेकिन बदली हुई परिस्थितियों के बीच यह कहा जा रहा है कि डील से पहले ईरान, पाकिस्तान और भारत के पेट्रोलियम मंत्रियों की एक बैठक होगी और तब तक पाइप लाइन परियोजना को अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है।

प्रस्तावित गैस पाइप लाइन परियोजना के तहत ईरान से भारत और पाकिस्तान को गैस मुहैया कराई जानी है, लेकिन यह परियोजना सुरक्षा कारणों और विदेश नीति की वजह से लंबे समय से अटकी हुई है। पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के शुरू होने से भारत में गैस की उपलब्धता में एक तिहाई की वृद्धि हो सकती है, लेकिन सुरक्षा कारणों (कराची में बम विस्फोट) और परमाणु करार की वजह से परियोजना में और देरी हो सकती है।

दरअसल, अमेरिकी के साथ भारत के परमाणु करार करने से ईरान इस परियोजना से हाथ खींच सकता है, क्योंकि अमेरिका ईरान पर कई तरह की पाबंदी लगाए हुए है। अमेरिका का कहना है कि तेहरान गुपचुप तरीके से परमाणु परियोजना पर काम कर रहा है। इसकी वजह से अमेरिका ने अपने देश के तमाम कंपनियों को तेहरान के साथ व्यापार नहीं करने की बात कही है, वहीं वित्तीय संस्थाओं को भी ऋण नहीं देने को कहा है।

ओएनजीसी की विदेश शाखा ओएनजीसी विदेश और लंदन स्थित हिंदुजा समूह ईरान में एलएनजी प्लांट लगाने का मन बना चुकी है। भारत सरकार की योजना पाइप लाइन के जरिए मंगलूर में बन रहे नए प्लांट में एलएनजी मंगाने की है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ईरान से जुड़ी परियोजनाएं अटकी हुई हैं। उधर, ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, फ्रांसीसी कंपनी टोटल, जो ईरान के गैस फील्ड में एक परियोजना लगाने की सोच रही थी, उसने भी इससे हटने का मन बना लिया है।

ईरान में प्रस्तावित परियोजनाओं का हाल

परियोजनाएं                                                 स्थिति
5 मीट्रिक टन एलएनजी का आयात             रद्द
ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइप लाइन    अटकी
गेल पेट्रोकेमिकल प्लांट                                अटकी
एस्सार समूह की रिफाइनरी                        अटकी

First Published - July 14, 2008 | 1:01 AM IST

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